- युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने हेतु विशेषज्ञों ने साझा किए विचार
- युवाओं को सही दिशा दिखाने में सहायक हैं ऐसे जागरूकता कार्यक्रम – प्रो. प्रशांत मालवीय
फतेह लाइव, रिपोर्टर
बीआईटी सिंदरी में आज असैनिक अभियंत्रण विभाग के सभागार में मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध जनजागरूकता बढ़ाने हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और नागरिकों को नशे की प्रवृत्तियों और इसके सामाजिक दुष्परिणामों के प्रति सजग करना था. कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के नोडल पदाधिकारी डॉ. निशिकान्त किस्कु द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने नशा मुक्ति की आवश्यकता और इसके खतरों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
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नशा मुक्ति के लिए सामूहिक जागरूकता जरूरी – डॉ. निशिकान्त किस्कु
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो. (डॉ.) राजीव वर्मा, महाप्रतिपालक, बीआईटी सिंदरी ने मादक पदार्थों के सामाजिक, मानसिक व शारीरिक दुष्परिणामों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे की ओर जाने से रोकने में परिवार, शिक्षक और समाज की भूमिका बेहद अहम है. संगोष्ठी में अन्य विभागों से आए विशेषज्ञों ने भी नशा से जुड़ी चिकित्सा, सामाजिक और कानूनी जानकारी साझा की. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कई प्राध्यापक मौजूद थे, जिनमें प्रो. प्रफुल्ल कुमार शर्मा, प्रो. अनिल रजक, डॉ. राजेंद्र मूर्मू, डॉ. मनोज मिश्र सहित अन्य गणमान्य शिक्षाविद् शामिल थे.
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नशे से बचाव में समाज की भूमिका और जागरूकता की आवश्यकता – प्रो. राजीव वर्मा
कार्यक्रम का समापन समन्वयक प्रो. प्रशांत रंजन मालवीय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और विद्यार्थियों का आभार जताया एवं यह संकल्प लिया कि आने वाली पीढ़ी को नशा मुक्त बनाने के लिए संस्था हर संभव प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को सही दिशा देने और समाज को नशा मुक्त बनाने की दिशा में बेहद आवश्यक व प्रभावी कदम हैं.