- विभागीय लापरवाही ने तोड़ी उम्मीदें, कुट्टी बेचकर चला रहे हैं छह बच्चों का परिवार
- जनता दरबार में भी अनसुनी रही फरियाद, अब न्याय की आस लगाए हैं राम विश्वास
फतेह लाइव, रिपोर्टर
पेटरवार प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर सदमा पंचायत के बुढ़वाटांड़ निवासी राम विश्वास महतो अपने 11 वर्षीय दिव्यांग पुत्र कृष्ण कुमार महतो के इलाज और सरकारी सहायता के लिए पांच वर्षों से दर-दर भटक रहे हैं. कृष्ण को 70% दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिलने के बावजूद आज तक दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सका है. राम विश्वास ने बताया कि करीब नौ वर्ष पूर्व बेटे की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई, लेकिन इलाज कराने के बाद भी कोई खास सुधार नहीं हुआ. उन्होंने बेटे के इलाज के लिए अपनी जमीन-जायदाद तक बेच दी, फिर भी उन्हें सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली.
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दिव्यांग प्रमाण पत्र होते हुए भी नहीं मिल रही पेंशन, इलाज को बेची जमीन
राम विश्वास महतो की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है. उनके परिवार में पाँच बेटियाँ और एक बेटा है. वे कुट्टी बेचकर किसी तरह परिवार का गुजारा कर रहे हैं. उन्होंने कई बार प्रखंड कार्यालय में पेंशन के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. यहां तक कि उन्होंने झारखंड सरकार के जनता दरबार कार्यक्रम में भी अपनी फरियाद रखी, पर हर बार निराशा ही हाथ लगी. प्रशासनिक उदासीनता और विभागीय लापरवाही के कारण राम विश्वास जैसे जरूरतमंद को वर्षों से भटकना पड़ रहा है. उन्होंने प्रशासन से दिव्यांग पेंशन दिलाने की मानवता आधारित गुहार लगाई है.