संजीव तिवारी ने आपत्ति जताई, चुनाव में वक्त है तो पहले वेज रिवीजन करे
टुन्नू के पहले कार्यकाल में कर्मचारी घटाने को मंजूरी, दूसरे में कमेटी मैंबर
हर चुनाव से पहले कमेटी मैंबर कम करने के प्रस्ताव पर भड़के शैलेश व आमोद
खुलासा हो गया कि कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर के तहत और कम हो सकते कर्मचारी
यूनियन अध्यक्ष से सतीश बोले, सभी कमेटी मैंबर को मैनपावर की कॉपी दी जाय
ऑफिस बेयरर्स ने कमेटी मैंबर की सीट 180 से कम न करने की उठाई आवाज
फतेह लाइव रिपोर्टर.
टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान में संशोधन के मसले पर बुधवार को चमरिया गेस्टहाउस में ऑफिस बेयरर्स की लंबी मंत्रणा चली. इसमें पर्दे के पीछे तय हुए कई मामलों का खुलासा हुआ. सारे ऑफिस बेयरर्स को जानकारी हुई कि यूनियन नेतृत्व और टेस्ट स्टील प्रबंधन में इस बात की सहमति बन चुकी है कि एलटीसी, बोनस के बाद संविधान संशोधन किया जाएगा. इसके बाद वेज रिवीजन का समझौता होगा. यह जानकारी हुई तो यूनियन उपाध्यक्ष संजीव तिवारी ने आपत्ति जताई.
तर्क दिया कि अभी यूनियन चुनाव में बहुत वक्त शेष है जबकि वेज रिवीजन में अभी तक 10 महीने का विलंब हो चुका है. एलाउंस के एरियर का नुकसान जारी है. तुरंत वेज रिवीजन पर वार्ता शुरू करनी चाहिए ताकि जल्दी समझौता हो सके. टुन्नू का जवाब था, हर वेज रिवीजन में वक्त लगता है। पहले भी बहुत समय लगा है.
ऑफिस बेयरर्स की बैठक शुरू हुई तो अजय चौधरी ने प्रजेंटेशन शुरू किया. मुद्दा था कमेटी मैंबर के निर्धारण का. अजय का कहना था कि 55 कर्मचारी पर एक सीट बनाई जा सकती है. दूसरा पहलू है कि कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर में टाटा स्टील के भीतर कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 8275 निर्धारित हो चुकी है. यह प्रावधान भी है कि कोई सेक्शन या विभाग बंद होता है तो वहां के मैनपावर की संख्या स्वत कम हो जाएगी.
उसी अनुपात में जमशेदपुर प्लांट का कुल मैनपावर खुद ब खुद घट जाएगा. तर्क दिया कि मैनपावर घटेगा तो कमेटी मैंबर भी घट जाएंगे। इस प्रस्ताव का यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश कुमार सिंह और कोषाध्यक्ष अमोद दुबे ने कड़ा प्रतिवाद किया. शैलेश चाहते थे कि अगर सीट घटानी भी हो यह संख्या 200 से कम कतई नहीं होनी चाहिए. कमेटी मेंबरों की सीट संख्या पर लंबी बहस चली. सबका मत था कि सीट निर्धारित होनी चाहिए और यह किसी भी सूरत में 180 से कम नहीं होनी चाहिए.
कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर के समझौते से जुड़ा एक और मसला ऑफिस बेयरर्स की मीटिंग में जोरदार तरीके से उठा. चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि कई विभागों में मैनपावर निर्धारण के मसले पर कमेटी मैंबर लगातार आवाज उठा रहे हैं जबकि कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर समझौते के बाद नया मैनपावर तय हो चुका है. कमेटी मैंबर संशय में है. इस पर अमोद दुबे का कहना था कि कॉमन ग्रेड का समझौता के सिर्फ चार पन्ने देखने को मिले है. वास्तव में यह समझौता क्या है? अधिकतर ऑफिस बेयरर्स नहीं जानते.
उन्हें बताया गया कि कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर में सभी विभागों का मैनपावर नए सिरे से तय हो चुका है. अब हरेक विभाग और सेक्शन में टाटा स्टील के अलावा टीएसटीएसएल के कर्मचारियों को मिला कर मैनपावर तय हुआ है. यूनियन महामंत्री ने टुन्नू चौधरी को सुझाव दिया कि सभी कमेटी मेंबरों को कॉमन ग्रेड समझौते के तहत तय मैनपावर की कॉपी दी जाए. इससे सहूलियत होगी. खैर, ऑफिस बेयरर्स की बैठक में तय हुआ कि जल्द कमेटी मीटिंग बुलाई जाएगी. इसमें संविधान संशोधन के मसले पर सबकी राय ली जाएगी. सबकी बातें सुनने के बाद बहुमत की राय के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बैठक में शहनवाज आलम, संजय सिंह, राजीव चौधरी, नितेश राज, श्याम बाबू ने भी विचार व्यक्त किए.

दो तिहाई बहुमत पर को ऑप्शन के प्रस्ताव को सबने एक सिरे से नकारा
टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान में को ऑप्शन की प्रक्रिया में भी बदलाव का प्रस्ताव लाया गया. अभी तक कमेटी मेंबरों के बहुमत पर गैर कंपनी कर्मचारी के को ऑप्शन की व्यवस्था है. यह प्रस्ताव लाया गया कि दो तिहाई बहुमत पर ही को ऑप्शन किया जाय. सभी ऑफिस बेयरर्स ने एक सिरे से इसे नकार दिया. सबका कहना था कि जो व्यवस्था है, वहीं लागू रहे. यह प्रस्ताव भी रखा गया कि पूर्व कंपनी कर्मचारी के ही को ऑप्शन की नई व्यवस्था बनाई जाय. इसे भी सबने अनसुना कर दिया.
ऑफिस बेयरर्स के आकस्मिक फंड को खत्म करने पर भी असहमति
टाटा वर्कर्स यूनियन में सहायक सचिव को छोड़ सारे ऑफिस बेयरर्स के पास आकस्मिक फंड के उपयोग की व्यवस्था है. यह राशि छोटी है. इसका उपयोग भी नहीं होता. प्रस्ताव लाया गया कि आकस्मिक फंड की व्यवस्था को खत्म किया जाए. अधिकतर असहमत दिखे.


