प्रस्ताव में स्वतंत्र कॉलेज की जगह उसे जमशेदपुर को-ऑपरेटिव यूनिवर्सिटी का विभाग बताया गया, छात्र अमर तिवारी ने तत्काल निर्माण पर रोक लगाने की मांग की
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग झारखंड सरकार द्वारा जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज की स्थापना के संबंध में 29 करोड़ 90 लाख की लागत से भवन निर्माण के लिए झारखंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन विभाग रांची के माध्यम से टेंडर निकाला गया था, परन्तु इसका जो प्रस्ताव दिया गया. आर्किटेक्ट द्वारा बिभाग को वो बिल्कुल गलत था, जिसको लेकर कॉलेज के पूर्व छात्र सह अधिवक्ता अमर तिवारी ने उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार को इसकी शिकायत की है.
उन्होंने बताया कि लॉ कॉलेज के लिए 25 जनवरी 2003 पत्रांक 202 मानव संसाधन विभाग झारखंड सरकार के द्वारा 5 एकड़ जमीन दिया गया था. बार कौंसिल के अनुसार 5 एकड़ जमीन पर निर्माण करवाने का नियम था. परंतु आर्किटेक्ट द्वारा जब डिजाइन बनाया गया तो उसे 1.4 एकड़ ही दिखाया गया जो कि गलत है. जिस जगह पर बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है, उस बिल्डिंग के बगल में रास्ता होना चाहिए था और उसके रास्ता के बहुत पीछे जिस जगह पर पुरानी बिल्डिंग है. वहां पर नया बिल्डिंग का निर्माण होना चाहिए था.
उस जगह पर बिल्डिंग ना निर्माण करके रास्ता जहां शुरू होने वाला था. मुख्य रोड से उसी जगह पर निर्माण कराया जा रहा है. लॉ कॉलेज के प्राचार्य से डिज़ाइन बनाने के पहले किसी तरह का पूछताछ नहीं किया गया है, जबकि लॉ कॉलेज स्वतंत्र रूप से अलग जगह पर है. इसका संचालन वहां के प्राचार्य प्रभारी जितेंद्र कुमार करते हैं. जब डिजाइन में 1.4 एकड़ दिखाया गया है और उक्त जगह 5 एकड़ है, साफ तौर पर दिख रहा है कि आर्किटेक्ट द्वारा गलत उच्चारण प्रस्ताव डिजाइन में किया गया है.
अब सवाल है कि ये 1.4 एकड़ किसके कहने पर डिज़ाइन तैयार किया गया, जबकि वो 5 एकड़ के अनुसार होना चाहिए था. सिर्फ पैसे का दुरुपयोग विभाग कर रहा है. ऊपर से लॉ कॉलेज के प्रस्ताव में स्वतंत्र कॉलेज की जगह जमशेदपुर को-ऑपरेटिव यूनिवर्सिटी का विभाग बता दिया गया ,जबकि बार काउंसिल के अनुसार कॉलेज किसी भी सेन्टर के अंतर्गत नहीं स्वतंत्र रूप से संचालित होना चाहिए. अब सवाल है कि जमशेदपुर को-ऑपरेटिव यूनिवर्सिटी बना ही कब? और ये लॉ कॉलेज उसका बिभाग कब से हो गया.
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज स्वतंत्र रूप से संचालित है और यह कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत है ,न की किसी कॉलेज के अधीन. अमर में उच्च शिक्षा विभाग भारत सरकार से अनुरोध किया है कि संबंधित कार्य पर रोक लगाया जाए और स्थल का निरीक्षण कर ही काम को आगे बढ़ाएं.


