फतेह लाइव, रिपोर्टर. 

गोरखपुर न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना शाहपुर थाना अध्यक्ष को काफी भारी पड़ गया. न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन /एफटी सी/ एसिजेम कोर्ट गोरखपुर में एक मामले में शाहपुर थाने से खुशबू शर्मा बनाम सुनील शर्मा मामले में अंतर्गत धारा 173 (4) बी एन एस एस में थाने से रिपोर्ट मांगी गई थी. तथा लगातार कई तारीखों पर रिपोर्ट न आने के बाद न्यायालय ने शाहपुर के थाना अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश के साथ रिपोर्ट मांगी जिसे भी लगातार 2 तारीख पर थाना अध्यक्ष ने नजरअंदाज कर दिया. जिस पर प्रार्थिनी के अधिवक्ता रत्नाकर सिंह ने थाना पुलिस द्वारा प्रार्थिनी को हैरान परेशान करने और न्यायालय की अवमानना करने का पक्ष रखा.

कोर्ट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखे एक पत्र के जरिए न केवल एक सप्ताह में संबंधित रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है वरन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की है कि हाई कोर्ट के सर्कुलर के अनुसार धारा 173 (4 )के मामलों में दो माह के भीतर निस्तारण होना आवश्यक है जबकि थाना अध्यक्ष के गैर जिम्मेदारी पूर्ण रवैया के कारण यह अवधि बीत गई है अतः न्यायालय ने थाना अध्यक्ष के खिलाफ विभाग की कार्रवाई अमल में लाते हुए कृत कार्रवाई से न्यायालय को भी अवगत कराने का आदेश दिया है,जिससे माननीय उच्च न्यायालय को पत्रावली के निस्तारण समय के भीतर न होने के संबंध में सूचित किया जा सके. इसके साथ ही न्यायालय ने थाना अध्यक्ष शाहपुर के खिलाफ BNSS की धारा 388 के तहत *सरकार बनाम थाना अध्यक्ष शाहपुर* का मुकदमा भी प्रकिर्न वाद के रूप में दर्ज कर दिया है, जिसमें थाना अध्यक्ष को 4 अगस्त को स्वयं पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा.

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