- राजनारायण यादव की सत्य की लड़ाई लाई रंग
- वर्षों बाद बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी को मिलेगी नियमित जलापूर्ति
- जल संकट से राहत की उम्मीद, संघर्ष ने दी जीत की दिशा
फतेह लाइव, रिपोर्टर


























जमशेदपुर के बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले हजारों परिवारों के लिए वर्षों से चला आ रहा जल संकट अब खत्म होने की कगार पर है. कॉलोनी में जल आपूर्ति की स्थिति को लेकर लंबे समय से लोग परेशान थे. ऐसे में बागबेड़ा मंडल कांग्रेस अध्यक्ष राजनारायण यादव ने आम जनता के हक में जिस तरह से प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ मोर्चा खोला, वह सराहनीय है. उनकी अथक कोशिशों और सत्य की लड़ाई के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, आदित्यपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुमित कुमार ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को सक्रिय रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं.
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तीन दिशानिर्देशों से आएगी व्यवस्था में पारदर्शिता
जारी पत्र में तीन बड़े निर्देश दिए गए हैं— पहला, सभी अवैध जल कनेक्शन को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर एफआईआर दर्ज होगी. दूसरा, नए जल कनेक्शन के लिए विभागीय स्वीकृति अनिवार्य होगी, बिना अनुमति कोई कनेक्शन अवैध माना जाएगा. तीसरा, किसी भी प्रकार के वित्तीय व्यय के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होगी, अन्यथा ग्राम जल स्वच्छता समिति जिम्मेदार मानी जाएगी. यह स्पष्ट निर्देश भविष्य में अनियमितताओं को रोकने के लिए अहम कदम साबित होगा.
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‘मुखिया मॉडल‘ से उजागर हुआ भ्रष्टाचार का चेहरा
पानी की समस्या का सबसे बड़ा कारण रहा पूर्व मुखिया राजकुमार गौड़ का ‘मुखिया मॉडल’, जिसमें उन्होंने करीब 500 अवैध जल कनेक्शन बगैर किसी विभागीय अनुमति या सिक्योरिटी मनी के दे दिए थे. इसके कारण न केवल वैध निवासियों को पानी नहीं मिल पाया, बल्कि कई इलाके जैसे कुंवर सिंह मैदान रोड नंबर 3 और 6 तक पानी पहुंचना बंद हो गया. अब इस अनियमितता पर कार्रवाई तय मानी जा रही है.
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भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़ेगा विभाग, अवैध कनेक्शन की होगी छानबीन
इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस नेता राजनारायण यादव ने नायक की भूमिका निभाई. लगातार पत्राचार, अधिकारियों से मुलाकात और लोगों की समस्याओं को सामने रखकर उन्होंने प्रशासन को झकझोरा. उनका कहना है, “भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, चाहे जेल जाना पड़े तो भी पीछे नहीं हटूंगा.” अब पाइप जलापूर्ति योजना के तहत ₹1050 सिक्योरिटी मनी, रजिस्टर्ड प्लंबर से कनेक्शन और ₹100 मासिक शुल्क की पारदर्शी व्यवस्था तय की गई है.