AISMJWA के जनसंपर्क पदाधिकारी ने तमाड़ विधायक के नाम सौंपा ज्ञापन

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

झारखंड में पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AISMJWA) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. संगठन के जनसंपर्क पदाधिकारी ने तमाड़ विधानसभा के विधायक विकास कुमार मुंडा के नाम एक ज्ञापन उनके प्रतिनिधि आनंद साहू को सौंपा, जिसमें पत्रकारों के हित से जुड़ी 11 प्रमुख मांगें रखी गई हैं.

*पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों पर जोर*

ज्ञापन में उन अहम मुद्दों को उजागर किया गया है, जो पत्रकारों के जीवन और करियर को सीधे प्रभावित करते हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून, फेक न्यूज़ पर रोक, स्वास्थ्य बीमा, आवास योजना और पेंशन योजना जैसी मांगों को प्राथमिकता दी गई है.

*ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें:*

झारखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए.

फर्जी पत्रकारों और फेक न्यूज़ पोर्टल्स पर रोक लगे.

सभी पत्रकारों को 25 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जाए.

पत्रकारों के लिए एक्रीडेशन सुविधा को सरल बनाया जाए.

राज्य में राज्यस्तरीय प्रेस क्लब का निर्माण किया जाए.

झारखंड सरकार पत्रकार आयोग का गठन करे.

पत्रकारों पर दर्ज मामलों की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी से कराई जाए.

पत्रकारों को आवास योजना में शामिल किया जाए और उनकी पत्नी को मईया सम्मान योजना का लाभ मिले.

पूरे झारखंड में पत्रकार पेंशन योजना लागू की जाए.

पिछले 10 वर्षों में पत्रकारों पर दर्ज सभी मामलों की सीबीआई जांच कराई जाए.

*क्या इस बार मिलेगा न्याय?*

AISMJWA के जनसंपर्क पदाधिकारी सह पूर्व ग्रामीण जिला अध्यक्ष अमित दत्ता ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि झारखंड में पत्रकार लगातार चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे ताकि पत्रकार निडर होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकें. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह मुद्दा विधानसभा सत्र में पूरी गंभीरता से उठाया जाए.

*2022 में भी उठी थी मांग, लेकिन…*

गौरतलब है कि 2022 में भी विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा और सम्मान को लेकर मांग उठी थी. 2023 में इसे पारित भी किया गया था, लेकिन आज तक वह फाइल आगे नहीं बढ़ी. अब सवाल यह उठता है कि क्या इस बार सरकार पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर कोई ठोस कदम उठाएगी?

क्या झारखंड को अपना पत्रकार सुरक्षा कानून मिलेगा या यह सिर्फ ज्ञापन तक ही सीमित रह जाएगा? यह आने वाला समय बताएगा.

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