फ़ेडेरेशन के संघर्ष का परिणाम आने लगा सामने: सतनाम

फतेह लाइव, रिपोर्टर।

कहते हैं ना यदि लगन और ईमानदारी से किसी भी काम को किया जाये तो संघर्ष एक दिन अवश्य धरातल पर दिखता है. इसी को सच कर दिखाया है ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सतनाम गंभीर ने. 1984 दंगा पीड़ितों के लिए किया जा रहा उनका संघर्ष अब लोगों को दिखने लगा है. इससे सिख समाज में उनकी पकड़ और मजबूत होगी.

ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने साकची में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर जानकारी देते हुए कहा की 1984 सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों को 39 वर्ष बाद मुआवज़ा मिलने जा रहा है जिसमें राँची के छह पीड़ितों को 11.39 लाख रूपये रामगढ़ के एक पीड़ित को 36 लाख रूपये पलामु के दस पीड़ितो को 18 लाख रूपये बोकारो के 24 पीड़ितों को 1 करोड़ 20 लाख रूपये की राशि झारखंड सरकार द्वारा दी जायेंगी । 1984 के पीड़ित परिवारों को इंसाफ़ दिलाने के लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे एवं झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की उनकी जनहितयाचिका पर झारखंड सरकार ने 2016 में एक सदसीय आयोग से मिलकर बाक़ी पीड़ित परिवारों को मिलने वाले मुआवज़े की जानकारी माँगी जायेंगी और आग्रह किया जायेगा की पहले ही काफ़ी साल लग गये हैं और विलंब ना कर जल्द से जल्द बाक़ी पीड़ित परिवारों को भी मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि जल्द पीड़ित परिवारों को राहत मिल सके।

सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की पूरे झारखंड से सिख पीड़ित परिवार उनसे जल्द न्याय दिलाने की माँग कर रहे हैं। मैंने सभी को आश्वस्त किया है की उनकी माँगो को 1984 सिख दंगा जाँच आयोग डीपी सिंह के समक्ष रख कर जल्द न्याय की माँग रखूँगा। इस दौरान साकची गुरुद्वारा साहिब के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह मंटू, मानगो गुरुद्वारा साहिब के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह इंदर, मोहिंदर सिंह भुईं, सरबजीत सिंह भुल्लर उपस्थित थे.

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