बिहार-झारखंड की साझा संस्कृति का लोगों ने मनाया उत्सव, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह मुख्यवक्ता के रूप में हुए शामिल, विभिन्न सामाजिक संगठनों ने लिया भाग

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, बिहार विधान परिषद के सदस्य बबलू गुप्ता ने भी की शिरकत

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

भाजपा जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में गुरुवार को बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” और “वसुधैव कुटुम्बकम” के संकल्प को साकार करते हुए बिहार दिवस के अवसर पर भव्य स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में प्रवासी बिहारी समाज के हजारों लोगों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भाग लिया. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह शामिल हुए, जबकि विशिष्ट अतिथियों में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, बिहार विधान परिषद के सदस्य बबलू गुप्ता, प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, जिला महामंत्री अनिल मोदी, संजीव सिंह, कार्यक्रम के जिला संयोजक विजय तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की.

स्नेह मिलन कार्यक्रम में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, गौरवशाली परंपराओं और राष्ट्रीय एकता के भाव को सशक्त करने पर व्यापक चर्चा की गई. कार्यक्रम में बिहार की परंपराओं, संस्कृति, विरासत और कला को गीत-संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. इसके साथ ही, बिहार में एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर भी व्यापक चर्चा हुई, जिसमें सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को प्रमुखता से बखान किया गया.

अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- दोनों राज्यों की संस्कृति पर हो रहा है हमला, हमारी अखण्डता ही हमारी ताकत

कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जमशेदपुर मेरा घर है. यहां आकर अपने लोगों से मिलना हमेशा अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड, दो ऐसे प्रदेश जो अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं, आज एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं. इन दोनों राज्यों में घट रही घटनाएं और बढ़ते धर्मांतरण के मामले हमारी सांस्कृतिक अखंडता पर प्रहार कर रहे हैं. यह चिंता का विषय है कि हमारी पहचान, हमारी विरासत पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में हमें अपनी जड़ों को मजबूत करना होगा और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को हर स्तर पर शक्ति प्रदान करना आवश्यक है, ताकि इन चुनौतियों से लड़ने और हमारी संस्कृति को बचाने में हम सशक्त भूमिका निभा सके. अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आह्वान करते हुए कहा कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें और एकता के साथ आगे बढ़ें। बिहार और झारखंड के लोगों को इस दायित्व को समझना होगा कि हमारी अखंडता ही हमारी ताकत है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने बिहार और झारखंड के सभी वीर महापुरुषों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया. उन्होंने बिहार विधानसभा में झारखंड विभाजन के समय के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि हमारा देश एक है, और हम सभी भारत के नागरिक हैं. मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि बिहार विधानसभा में एक जनप्रतिनिधि के रूप में सेवा करने का अवसर मिला. एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प के तहत, चाहे हम किसी भी प्रांत से जुड़े हों, हम भारत के नागरिक हैं और जहां भी रहें, वहां से देश के कल्याण के बारे में ही सोचेंगे. कहा कि बिहार इस देश की ऐसी पावन धरती है, जहां महान विचारों और ज्ञान का जन्म हुआ. यह वही धरती है जहां कौटिल्य ने अपने अर्थशास्त्र से विश्व को दिशा दी, और चाणक्य ने तक्षशिला के ज्ञान को लेकर दुनिया को राह दिखाई. बिहार वह भूमि है, जो तक्षशिला से लेकर विक्रमशिला तक की विरासत को संजोए हुए है.

वहीं, बिहार विधान परिषद के सदस्य बबलू गुप्ता ने एनडीए सरकार की उपलब्धि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी और कहा कि 2005 के बिहार और आज के बिहार को देखें तो अनुभव होगा कि बिहार प्रगति की राह पर किस गति से आगे बढ़ रहा है.

कार्यक्रम में मिलन समारोह कार्यक्रम के प्रदेश के सह संयोजक शैलेंद्र सिंह ने बिहार राज्य स्थापना पर विस्तृत जानकारी दी.

कार्यक्रम में स्वागत संबोधन भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, मंच संचालन जिला महामंत्री संजीव सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के जिला संयोजक विजय तिवारी ने किया.

लोगों ने सहभोज का लिया आनंद: मिलन समारोह कार्यक्रम में बिहार और झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल शब्दों में संजोया गया, बल्कि दोनों राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का भी भरपूर आनंद लिया गया.

इस दौरान शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ प्रवासी बिहार समाज के हजारों लोगों ने भाग लिया.

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