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पोटका प्रखंड कार्यालय परिसर में सैकड़ों व्हीलचेयर धूल फाँक रही हैं, जिनमें से कई अब कबाड़ बनने की कगार पर हैं। ये दृश्य प्रशासनिक संवेदनहीनता और योजनाओं के लचर क्रियान्वयन का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। टैक्सपेयर्स की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई ये व्हीलचेयर उन दिव्यांगजनों तक नहीं पहुँच पाई हैं, जो वर्षों से इसके लिए जिला प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

इस लापरवाही पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से तीखा हमला बोला है। उन्होंने लिखा—
“पोटका प्रखंड कार्यालय की कार्यसंस्कृति सवालों के घेरे में है। सैकड़ों व्हीलचेयर वितरण की बजाय धूल फाँक रही हैं। यह लापरवाही नहीं, जनसेवा के नाम पर मज़ाक है। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।”

दिनेश कुमार ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से इस मामले में जवाब माँगते हुए निष्पक्ष जांच की माँग की है। भाजपा नेता ने कहा कि दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में यह स्थिति चिंताजनक है। मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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