- 17 साल से अधूरा पड़ा है भवन, उपायुक्त को डीएमएफटी फण्ड से कराने की मिली थी स्वीकृती
- भवन निर्माण निगम लिमिटेड के लापरवाही और उदासीनता के कारण एक साल में भी डीपीआर नही बना
संतोष वर्मा.
राज्य के पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग के मंत्री बसन्त सोरेन से विधान सभा सत्र के दौरान भेंट कर अपने विधान सभा के महत्व पूर्ण ग्रामीण सड़कों को पथ निर्माण विभाग के अधीन लेने की मांग की है। साथ ही अपने पुराने सबसे ज्यादा महत्व पूर्ण योजना कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय भवन का अधूरा कार्य को पुरा कराने की मांग की है।भवन निर्माण निगम लिमिटेड के लापरवाही और उदासीनता के कारण एक साल में भी डीपीआर नही बना।जिला प्रशासन क्यों कोई और एजेंसी से डीपीआर बनवाना चाहती है या भवन निर्माण निगम लिमिटेड पर शो कोज नहीं कर रही है।
विधायक सोनाराम सिंकु ने विभाग को भेजे पत्र में बताया है कि मेरे विधाना सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 15 वर्षों से जगन्नाथपुर कस्तुरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय भवन का अधूरा कार्य को पूरा कराने हेतु विभाग से एन०ओ०सी० प्राप्त किया गया है, तत्पश्चात जिला प्रशासन के द्वारा अधूरे भवन का कार्य का डी०पी०आर० प्रबंध निदेशक झारखण्ड राज्य भवन निर्माण निगम लि0 को विगत वर्ष 2023 में डी०पी०आर० बनाने का आग्रह किया गया लेकिन लंबे समय बीत जाने के बाद भी आज तक उक्त एजेन्सी के द्वारा जिला प्रशासन को डी०पी०आर० उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसके कारण अधूरा भवन को पूरा कराने की कार्रवाई नहीं की जा सकी है.
ये है मामला
जगन्नाथपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (पुरनिया) का भवन 16 वर्षो से अधुरा है।हरिओम ट्रेडर्स बोकारो को वर्ष 2008 में काम मिला था।विभाग और संवेदक की गलती से भवन पूरा नहीं हो सका।विद्यालय में 453 छात्राएं अध्ययनरत्त है।हलांकि 525 बच्चों की सिट आरक्षीत है।जगह नहीं होने के कारण सीटें नहीं भरी जा रही है।विधायक सोनाराम सिंकु ने बीते दो साल में तीन बार मामले को विधानसभा में उठाया है।15 साल में तीन बार बदला गया स्कूल भवन प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय जगन्नाथपुर में वर्ष 2006 में कस्तूरबा विद्यालय शुरू हुआ था।विद्यालय भवन का स्थल 15 साल में तीन बार बदला गया।वर्ष 2009 में विद्यालय पंचायत भवन पताहातु ले जाया गया।वहां 2018 तक चला।इसके बाद आदर्श बालक मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर में चल रहा है।
संवेदक नें निर्माण कार्य अधूरा छोड़ा
विधानसभा में सरकार नें कहा था कि संवेदक से 2.64 करोःड़ रूपये का एकरारनामा हुआ था।संवेदक नें कार्य अधूरा छोड़ दिया।इसके बाद 24.57 लाख रूपये जब्त किये गये।संवेदक को कार्य के विरूद्द कुल 96.44 लाख रूपया का भुगतान मापी पुस्तिका के आधार पर किया गया है।जिला के पास 1.6755 करोड़ रूपये है।उपायुक्त को डीएमएफटी से पूर्ण कराने को कहा गया था।
छात्राओं को हो रही परेशानी
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जिम, प्रयोगशाला, लाईब्रेरी, डाइनिंग हॉल, कॉमन रूम, बहुउद्देशीय भवन और खेलकुद के मैदान के साथ रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।