टाटा स्टील में कॉरपोरेट सर्विसेज के चीफ रहे, फिर संभाली जुस्को की कमान
जिंदगी से जूझते हुए टाटा के शहर को और सुंदर बनाने का दिखाया जज्बा
तबियत बिगड़ी तो टाटा मुख्य अस्पताल लाए गए, सबको कह दिया अलविदा
बुलंद आवाज, नागरिक मसले का गहन ज्ञान और मस्ताना मिजाज रहेगा याद
एस वंदना.
ऋतुराज सिन्हा नहीं रहे। टाटा मुख्य अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें ली, जिसने यह सुना वो सहसा थम गया, अवाक. दो दिन पहले वे दादा बने थे. कितने खुश थे वो. जो मिला, उसका मुंह मीठा कराए थे. जोरदार पार्टी देने का वायदा किया था. महज 55 साल में उनके निधन की सूचना मिली, तो सबका पहला सवाल यही कि इस तरह अचानक.
मगर नियति को जो मंजूर हो, उसे कोई कैसे बदल सकता है. टाटा स्टील के कॉरपोरेट सर्विसेज के चीफ रहते उन्होंने टाटा के शहर को और सुंदर, सुगम एवं व्यवस्थित बनाने में महती भूमिका निभाई. उस वक्त 400 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, ताकि बढ़ती आबादी का नागरिक सुविधाओं पर दबाव नहीं बढे. जुस्को के तत्कालीन एमडी आशीष माथुर और उनके बाद तरुण डागा को लगातार उनका मार्गदर्शन मिलता रहा. शहर की बेहतरी के लिए जब भी जरूरत हुई, वे सबसे सतत परामर्श करते थे.
बहरहाल, अब वो रौबदार आवाज, ठहाका, दोस्ताना अंदाज के साथ बेहतर नागरिक जीवन के मसले पर गहन ज्ञान का आदान प्रदान थम जाएगा और थम गया कैंसर के विषाणुओं से लड़ने का वो संघर्ष, जो ऋतुराज सिन्हा पिछले बारह सालों से लड़ रहे थे। अलविदा.
रविवार को टीएमएच जेडीसी ने आर्मरी मैदान में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था. दोपहर 2 बज रहे थे कि पुरस्कार वितरण शुरू हुआ था. अचानक टीएमएच की महाप्रबंधक डॉ विनीता सिंह हड़बड़ा कर निकल गईं. प्रतिभागी भौंचक हो गए कि आखिर क्या हुआ. ये वो वक्त था जब ऋतुराज सिन्हा टीएमएच की इमरजेंसी में आ गए थे. सांसे थम गई थी. डॉक्टर कोशिश कर रहे थे कि किसी तरह हृदय की धड़कन फिर आवाज करने लगे. ऐसा नहीं हुआ. कुछ देर प्रयास करने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. सब दुखी. कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ अमिताभ उपाध्याय और दुखी हो गए.
आखिर लंबे समय से कैंसर के विषाणुओं के साथ चल रहे संघर्ष में ऋतुराज सिन्हा के सहभागी थे, जिसे उनके निधन की सूचना मिली, उनकी राह टीएमएच की ओर बढ़ गई. भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो, टाटा स्टील समूह के एमडी सह सीईओ टी वी नरेंद्रन की पत्नी रुचि नरेंद्रन, कंपनी उपाध्यक्ष डी बी सुंदर रमण, एमडी के पीईओ (प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव अफसर) देवाशीष चक्रवर्ती, इंडिया ह्यूमन रिसोर्स ऑफसर (सीएचआरओ) जुबीन पलिया, सिक्योरिटी चीफ अरविंद सिन्हा, कॉरपोरेट सर्विसेज चीफ प्रणय सिन्हा, टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज के एमडी दीपक कामथ, कलिंगा नगर के सीएचआरओ यशवंत पांडेय समेत टाटा स्टील समेत अनुषंगी कंपनियों के दर्जनों पदाधिकारी टीएमएच आए.
टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह, सहायक सचिव नितेश राज, टीएमएच के कमेटी मेंबर राकेश कुमार सिंह समेत कई लोग पहुंच गए. ऋतुराज सिन्हा की पत्नी और पुत्र टीएमएच में थे. सिर्फ वही दोनों नहीं बल्कि मौजूद सभी लोगों की आँखें नम दिखी. शाम चार बजे तक उनकी मृत देह टीएमएस के मोर्चरी में रख दी गई. मंगलवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सालों से मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में चल रहा था इलाज
ऋतुराज सिन्हा का सालों से मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर का इलाज चल रहा था. टीएमएच में डॉ अमिताभ उन्हें देख रहे थे. कठिनाई बढ़ने पर ऋतुराज सिन्हा मुंबई की फ्लाइट पकड़ते थे. इधर उन्हें फिर तकलीफ होने लगी थी. वे एक दो दिन में मुंबई जाने वाले थे. अचानक हालत बिगड़ गई तो उन्हें रविवार को टीएमएच लाना पड़ गया.
कॉर्पोरेट से लेकर, राजनीतिज्ञ जगत तक रोष
रघुवर बोले, दूरदर्शी पदाधिकारी को खो दिया
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी ऋतुराज सिन्हा के निधन से बेहद दुख हुआ. शहर ने खो दिया एक दूरदर्शी पदाधिकारी को खो दिया. ऋतुराज सिन्हा जमशेदपुर के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा चिंतित और सजग रहते थे. मिलनसार व्यक्तित्व के धनी ऋतुराज सिन्हा ने हमेशा शहर के विकास को प्राथमिकता दी. उनका यूं असमय चले जाना टाटा स्टील एवं पूरे शहर के लिए बहुत बड़ी क्षति है.
उनसे अभी नागरिकों को बहुत उम्मीदें थी : सरयू
जद यू विधायक सरयू राय ने कहा कि वे मर्माहत हैं। शोकाकुल हैं। शोक संदेश में उन्होंने कहा कि उनसे अभी काफी उम्मीदें थीं। इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के होने के बावजूद वे कुशल प्रबंधक थे। जमशेदपुर की जन सुविधा की ज़रूरतों के पर्याय व्यक्तित्व फिलहाल नहीं दिखते। उनके नहीं रहने से सुधार के प्रयासों को धक्का लगा है।
ऋतुराज जी अभिभावक के समान थे : आशुतोष राय
स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी सह जनता दल यू नेता आशुतोष राय ने कहा कि ऋतुराज जी उनके अभिभावक के समान थे. वह निज संबंधों के प्रति बेहद सजग, उदार और मददगार की भूमिका में सदैव खड़े रहते थे. शहर का विकास कैसे हो ? लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं कैसे मुहैया कराई जाएं? इसे लेकर वह लगातार काम कर रहे थे. उनके जाने से विकास कार्यों पर असर पड़ेगा.
उन्होंने हर दिन जनहित की सोच के साथ जिया : काले
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि जुस्को (टाटा स्टील यूएसआईएल लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा के आकस्मिक निधन के दुःखद समाचार से पूरा शहर स्तब्ध और शोकाकुल है. उनका जाना शहर के लिए एक अपूरणीय क्षति है. काले ने कहा कि इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के ऋतुराज सिन्हा जी ने जमशेदपुर की जन सुविधाओं में सुधार और विकास को नई दिशा देने के लिए निरंतर कार्य किया. दूरदृष्टि, संवेदनशीलता और प्रशासनिक क्षमता के कारण शहर को उनसे कई उम्मीदें थीं. वे जमशेदपुर की आवश्यकताओं, जन कल्याण और आधुनिक सुविधाओं के सुदृढ़ विस्तार के पर्याय बन चुके थे. एक प्रभावशाली, शांत, समर्पित और कर्मठ व्यक्तित्व के अचानक विछोह से शहर ने एक ऐसे कर्मयोगी को खो दिया है, जिसने अपना हर दिन को जनहित की सोच के साथ जिया है.
विधायक बोली, विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमेशा याद रहेगी
जमशेदपुर पूर्वी की भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि ऋतुराज सिन्हा का असमय निधन अत्यंत दुःखद और स्तब्ध करने वाला है. कुछ दिनों पहले ही उनसे बातचीत हुई थी. शहर के विकास कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमेशा याद रहेगी. जिस सहयोगात्मक भाव से वे काम करते थे, उसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर विभिन्न अवसरों पर उनसे भेंट हुई. कई समस्याओं के समाधान को लेकर उनका सकारात्मक और सक्रिय सहयोग मिला, जिससे क्षेत्र की जनता को प्रत्यक्ष रूप से लाभ हुआ. प्रभु दिवंगत पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान दें.
डॉ पवन पांडे ने ये कहा
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी डॉ पवन पांडेय ने कहा कि ऋतुराज सिन्हा के अकास्मिक निधन से जमशेदपुर शहर के लोग स्तब्ध हैं. ऋतुराज सिन्हा कुशल प्रशासक के साथ मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे. उनकी स्मृति जमशेदपुर के लोगों के जेहन में हमेशा रहेगी.

