- इज़राइल के खिलाफ डिजिटल प्रतिरोध अभियान का हिस्सा बनी सीपीएम, निगरानी पूंजीवाद पर साधा निशाना
- डिजिटल व्यवधान के जरिए वैश्विक एकजुटता का संदेश, गाजा के लिए समर्थन जारी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम ने फिलिस्तीन के गाजा क्षेत्र पर इज़राइली हमलों के खिलाफ वैश्विक डिजिटल विरोध “गाज़ा के लिए मौन” अभियान का समर्थन किया है. सिंदरी-बलियापुर लोकल कमिटी के सचिव विकास कुमार ठाकुर ने बयान जारी कर बताया कि हर रात 9:00 बजे से 9:30 बजे तक आधे घंटे के लिए मोबाइल फोन बंद रखने का आग्रह किया गया है, जो एक प्रतीकात्मक प्रतिरोध का रूप है. उन्होंने कहा कि यह कदम उन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ भी है जो गाज़ा पर इज़राइल के हमले को तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं और लोगों के डिजिटल डाटा का व्यापार कर लाभ कमा रही हैं.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : धतकीडीह की चाय दुकान पर दो पक्षों में जमकर मारपीट, दोनों ने थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी
गाजा में नरसंहार के खिलाफ वैश्विक ‘मौन’ में शामिल हुआ सीपीएम
ठाकुर ने संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट “कब्जे की अर्थव्यवस्था से नरसंहार की अर्थव्यवस्था तक” का हवाला देते हुए कहा कि कई कॉर्पोरेट कंपनियों की भयावह भूमिका इस रिपोर्ट में सामने आई है, जिन्हें जवाबदेह ठहराना जरूरी है. यह मोबाइल मौन केवल तकनीकी विरोध नहीं बल्कि निगरानी पूंजीवाद और युद्ध अपराधों के खिलाफ जन प्रतिरोध का एक प्रतीक है. सीपीएम ने देशभर के नागरिकों से अपील की है कि वे इस डिजिटल अभियान में शामिल हों और निर्धारित समय पर मोबाइल फोन बंद कर सोशल मीडिया से दूरी बनाएं. यह मौन एक विद्रोही इनकार है – जो दर्शाता है कि युद्ध अपराधों और नरसंहार को चुपचाप सहन नहीं किया जाएगा.