नई दिल्ली से मनप्रीत सिंह खालसा

दिल्ली कमेटी की तरफ से की जा रही यह सभा अखिल भारतीय पंथक सम्मेलन के नाम पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के आधिकारिक अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका द्वारा बुलाई गई है. यह कोई पंथ सम्मेलन नहीं है बल्कि सरकार प्रायोजित समूह द्वारा अपनी ताकत दिखाने का एक असफल प्रयास है जो लंबे समय से सरकारी संरक्षण में पंथ की जड़ों को पोषित करना चाहता है.

यह शब्द यूथ अकाली दल के कोर कमेटी सदस्य जसमीत सिंह पीतमपुरा ने टिप्पणी करते हुए कहे. पीतमपुरा ने कहा कि पूरा देश जानता है कि ये लोग कौन हैं और इनका देश के लिए क्या योगदान है. जिन्होंने कभी बंदी सिंहों की रिहाई के लिए नहीं बोला, न गुरुद्वारा ज्ञान गोदरी और अन्य गुरुधामों पर कब्जे के लिए, न किसानों के मसले के समाधान के लिए, वे आज सरकार की छत्रछाया में इकट्ठा होकर क्या करना चाहते हैं.?

यह किसी से छिपा नहीं है. इसलिए यह सभा कोई पंथ का सम्मलेन नहीं बल्कि सरकारी समूह की सभा है जिसमें पंथ की पीठ में छुरा घोंपने वाले सभी तथाकथित नेता एक साथ आएंगे और देश को बताएंगे कि हम सभी सरकार के हैं और हमें पंथ से कोई लेना-देना नहीं है.

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