- डीवाईएफआइ ने बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की, आगामी योजनाओं पर हुई चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को लेकर भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआइ) की राज्य स्तरीय बैठक धनबाद में संपन्न हुई. बैठक में राष्ट्रीय महासचिव हिमांग्न भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत से बढ़कर 59 प्रतिशत हो गई है, जो राज्य के लिए एक गंभीर संकट है. इसके अलावा सरकारी रिक्तियों में बहाली न होना, प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक होना और नियुक्तियों के बाद मामले का न्यायालय में लटक जाना युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को इस गंभीर स्थिति में संगठित होकर अपनी आवाज उठानी होगी. बैठक की अध्यक्षता डीवाईएफआइ के अध्यक्ष सुरेश मुंडा ने की.
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बेरोजगारी और सरकारी नियुक्तियों के मुद्दों पर डीवाईएफआइ ने दी आंदोलन की चेतावनी
बैठक में संगठन के भविष्य के लिए कई अहम निर्णय लिए गए. इसमें पुरानी राज्य कमिटी को भंग कर एक नई तदर्थ कमिटी का गठन किया गया. मोहन मंडल को संयोजक और नौशाद अंसारी, शंकर उरांव तथा मुकेश यादव को सह-संयोजक चुना गया. आगामी तीन माह में संगठन को 20,000 नए सदस्य जोड़ने, 200 प्राथमिक इकाइयां बनाने और युवाओं के मुद्दों को लेकर उपायुक्त कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा जून माह में युवाओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की भी योजना बनाई गई.
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डीवाईएफआइ ने युवाओं को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण शिविर और प्रदर्शन की योजना बनाई
बैठक में विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए और युवाओं के बीच एकजुटता और आंदोलन की आवश्यकता पर जोर दिया. मोहन मंडल, शंकर उरांव, किशोर साव, आशीष कुमार सिन्हा सहित कई नेताओं ने बेरोजगारी, पलायन और युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष की कड़ी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला. डीवाईएफआइ ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने इस मुद्दे पर तत्काल कदम नहीं उठाए तो युवा संगठन सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा.