- आईएमए के सरपरस्ती में चल रही है मनमानी, सिविल सर्जन पर सहयोग करने का आरोप
- मंत्री व स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजकर चार साल के कार्यकाल की जांच कराने की मांग
फतेह लाइव रिपोर्टर.
मरीजों की सेवा की शपथ लेकर सरकारी सेवा में आने वाले डॉक्टर अगर कर्तव्य भूलकर निजी कमाई व लाभ के चक्कर में फंस जाये तो करोड़ों खर्च कर चलायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का भगवान ही मालिक होगा. ऐसा ही कुछ हाल पलामू के छतरपुर अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टरों का है. यहां पदस्थापित डॉ मृत्युंजय कुमार मुख्यालय छोड़कर 300 किलोमीटर दूर जमशेदपुर तक पहुंच जाते हैं. बताया जाता है कि वह आदित्यपुर में एक मेडिकल स्टोर में खुले रूप में निजी प्रैक्टिस भी करते हैं. यह मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और स्वास्थ्य सचिव तक भी पहुंचा है. जिसकी जांच चल रही है.
डॉ मृत्युंजय कुमार जमशेदपुर आईएमए के पूर्व सचिव रह चुके है. बताया जाता है कि वर्तमान में पलामू में पदस्थापित रहने के बावजूद उन्होंने जमशेदपुर में आईएमए का चुनाव बिना विधिवत अनुमति लिए लड़ा और उपाध्यक्ष भी चुने गये. छतरपुर अनुमंडल अस्पताल में पदस्थापित डॉ कुमार जमशदेपुर में आईएमए के कार्य कैसे करेंगे, यह सवाल यहां के डॉक्टर दबी दुकान से उठाते रहे हैं. यह भी कहा जाता है कि आईएमए की धमक दिखाकर ही डॉ कुमार पलामू में ड्यूटी से गायब रहकर आदित्यपुर के एक मेडिकल स्टोर में निजी प्रैक्टिस कर रहे होते हैं. यह जानकारी पलामू सिविल सर्जन को भी है, लेकिन उन्होंने भी निहित स्वार्थवश इस मामले में मौन साध रखा है.
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