जमशेदपुर।
झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष और सीजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला पर सीतारामडेरा में हुई फायरिंग मामले में मंगलवार को आठवें एवं नौवें गवाह की एडीजे-4 राजेंद्र सिन्हा की अदालत में गवाही हुई. इन गवाहों में सीजीपीसी के पूर्व प्रधान एवं तख्त पटना साहेब के महासचिव इंदरजीत सिंह के बेटे दमनप्रीत सिंह और मनोज खत्री शामिल हैं. दमनप्रीत ने कोर्ट को बताया कि घटना की तड़के 7 जुलाई 2019 को उनके मित्र का फोन आया, जिससे पता चला कि बिल्ला पर फायरिंग हुई है. टीएमएच पहुंचकर गुरप्रीत कौर से पता चला कि मुखे और अमरजीत सिंह अम्बे ने दुश्मनी के कारण गोली चलाई है. दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई थी.
दमनप्रीत ने अम्बे की कोर्ट में पहचान की, जबकि उत्तम पंडा को नहीं पहचाना. वहीं मनोज खत्री ने भी अपने बयान में कहा कि वह घटना के दिन सुबह बजरंग बली मंदिर में भोग कि तैयारी में थे. उस वक्त अम्बे को मुखे की बोलेरो से जाते देखा था. वहीं कार चला रहे एक सांवले लड़के को भी देखा था. उसे चार पांच दिन बाद पता चला था कि बिल्ला पर फायरिंग हुई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई पेशी के दौरान मुखे ने गब्बर को देखकर मूछों में ताव दिया. इस पर मुखे को ऐसा न करने की चेतावनी दी गई. अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को मुकर्रर की गई है. मालूम हो कि फिलहाल मुखे अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में जेल में बंद है, जबकि अम्बे जमानत पर हैं.