कदमा टोलब्रिज के पास से हो रहा है अवैध धंधों का कारोबार, दो पड़ोसी जिलों में पैरवी के बल पर जमा रहा लाईजनर, पूरे सिस्टम पर उठ रहे सवाल

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

झारखंड में संईया भये कोतवाल तो डर काहे का…………….वाली कहावत सरायकेला-खरसावां एसपी ऑफिस का हर स्टाफ जान गया है. गजब का लाइजनिंग सिस्टम काम कर रहा है. कोल्हान में वाह भाई वाह, जय हो, इसे दबाकर रखने वाले उच्च अधिकारियों और अन्य साथ में काम करने वाले कर्मचारियों की. जी हां, फतेह लाइव के पास कुछ ऐसा आडियो हाथ आया है, जिसमें ओपी लाइजनर और स्क्रैप कारोबारी की बात सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. यह आडियो खुलासा करता है कि कभी जमशेदपुर तो कभी सरायकेला-खरसावां एसपी ऑफिस से पूरे कोल्हान में स्क्रैप सिंडिकेट के लाइजनिंग सिस्टम एक सिपाही के इशारे पर काम चल रहा है, लेकिन इस बात को वर्षों से दबाकर रखा गया था. क्योंकि सभी खुश थे, मतलब समझे न आप……………….

ऊपर सुनिये सिपाही ओपी व स्कैप वाले की बातचीत का ऑडियो.

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यह लाइजनिंग एसपी के सामान्य शाखा में पदस्थापित ओम प्रकाश नामक सिपाही करता था, करता है और करता रहेगा. जब तक कि इस पर विभागीय आशीर्वाद बना रहेगा. ओम प्रकाश की कहानी जानकर आप भी दंग रह जाएंगे कि अगर पैरवी और पैसा हो तो जहां मर्जी वहां पोस्टिंग हो सकती है. हम ऐसा नहीं कह रहे हैं बल्कि ये तो सारा ओपी के कारनामें से चर्चा में आ चुका भ्रष्ट सिस्टम कह रहा है, जिसकी जांच अगर पुलिस विभाग कर दे तो इस विभाग में सेटिंग-गेटिंग के खुलासों का जबरदस्त लिंक मिलेगा. ओपी के मात्र एक-दो साल के कॉल डिटेल से ही बहुत बड़ा खुलासा हो सकता है. ओपी के मोबाइल नंबर 6207812839 के कॉल डिटेल से ही पता चल गया है कि इस पर स्क्रैप का डिलींग हो रही है. वह एसपी ऑफिस में बैठकर इस नंबर से फोन कर स्क्रैप माफियाओं और लोहा चोरों से खुलेआम स्क्रैप की खरीद-बिक्री और पकड़े जाने पर पैरवी करता रहता है, लेकिन कोई उसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है.

पैरवी पर चल रहा है ओपी का धंधा और लाइजनिंग सिस्टम

2005 में ओम प्रकाश सिंह की झारखंड पुलिस में सिपाही के पद पर नियुक्ति हुई है, लेकिन वह तब से 2015 तक एसपी ऑफिस के हिंदी शाखा में ही जमशेदपुर एसपी ऑफिस में वह बैठा रहा है. लाईजनिंग और पैरवी के बल पर सिंह साहब 2005 से लेकर अब तक कई बार लंबे समय तक गायब भी रहे, यानी कभी बिना बोले छुट्टी तो कभी जिला में योगदान ही नहीं दिया.

पुलिस मुख्यालय द्वारा 2015 में जब 10 हजार सिपाहियों की नियमित बदली हुई, तो ओपी को सिमडेगा भेजा गया था, लेकिन इन्होंने योगदान देने के बजाय एक नेता जी को पकड़ लिया और पैरवी होने तक अनुपस्थित ही रहे. नेता जी से मिलवाने में धनबाद के ही एक कोयला माफिया का हाथ बताया जा रहा है. फिर जब एक मंत्री ने पैरवी कर दी तो फिर पैरवी से ही येन-केन प्रकारेण ओपी को पुनः जमशेदपुर से सिमडेगा छोड़ पड़ोसी जिला सरायकेला-खरसावां में पदस्थापित कर दिया गया. ओपी ने इस दौरान लंबे अनुपस्थिति पर तत्कालीन एसपी आनंद प्रकाश द्वारा रोके गए वेतन (धारित वेतन) के लिए भी पैरवी कराकर अपने लाइजनिंग सिस्टम का लाभ ले लिया.

ओपी 2017 में ही सरायकेला-खरसावां जिला में सार्जेंट मेजर सरयू लाल का अंगरक्षक बना दिया गया. वर्ष 2018 में ओपी ने सरायकेला एसपी ऑफिस के सामान्य शाखा में योगदान दिया और तब से यहीं हैं.

धंधे और लाइजनिंग के लिए होता रहा गायब

सरायकेला-खरसावां पुलिस ने नवंबर 2021 में एक बड़े ईनामी और कुख्यात नक्सली की पत्नी को जब ईलाज के लिए रिम्स ले जाने पर जैसे ही ओम प्रकाश की ड्यूटी लगाई तो, वह फिर से बहाना बनाकर गायब हो गया. चूंकि स्क्रैप का धंधा और अपना लाइजनिंग सिस्टम जो चलाना था इसलिए ओपी बहाना बनाकर अक्सर गायब होता रहता है.

एक बार ओपी लंबे समय तक गायब रहा और जब हेमंत सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी, तो फिर अनुपस्थित रहने से लाभ नहीं मिलेगा. यह जानकर वह फिर से पैरवी लगवाकर एसपी ऑफिस के सामान्य शाखा में ही आ गया. लाईजनिंग के लिए ड्यूटी से गायब होना, पैरवी करवाना और स्क्रैप सिंडिकेट चलवाना ये सब ओपी के रूटिन का हिस्सा बन गया है. ड्युटी से गायब रहने पर जून 2024 में भी एसपी मनीष टोप्पो ने इनका वेतन रोक दिया था.

अब तक किसी ईमानदार और टाईट एसपी के हाथ ओपी के कारनामे की गाथा ही नहीं लगी और लगेगी भी कैसे क्यों कि सबको जानकारी के बावजूद सारा मैनेजिंग सिस्टम संभालकर ओपी ने इस मामले को दबाए जो रखा है. समझ ही रहें होंगे न आप भी तो क्यों कि इस जिले में कुछ ऐसा मैनेजिंग सिस्टम ही चल रहा है जो अब पूरे झारखंड में चर्चित हो रहा है.

लोहा चोरों की मदद से भाई के नाम ही चलावा दिया स्क्रैप टाल

ओपी दो जिलों पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में अपना लंबा वक्त गुजार चुका है, तो जाहिर है कि सेटिंग-गेटिंग भी तगड़ी बना ही ली होगी. आखिर 20 साल से टिका हुआ है तो हर थानेदार जानता भी तो होगा. इसलिए ओपी ने अपने ही भाई आनंद सिंह के नाम पर जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र में टोलब्रिज के पास एक टाल खुलवा दिया है. सूत्र बताते हैं कि दोनों जिलों से चोरी का माल इस टाल में आ रहा है और कभी छापामारी भी नहीं हो रही है, आखिर भैय्या भये सेटिंगबाज तो डर काहे का……..………वाला सिस्टम यहां काम कर रहा है.

खैर इस सिस्टम से ओपी और इसके सिंडिकेट में शामिल कई लोहा चोरों, पुलिस अधिकारियों और स्क्रैप सिंडिकेट ने कितनी संपत्ति कमाई होगी. यह तो विभाग ही पता लगा सकता है. वैसे स्क्रैप टाल से लेकर बड़ी गाड़ियां, जमीन, फ्लैट और शेयर मार्केट में निवेश की चर्चा तो दोनों ही जिले में पुलिस विभाग के सभी स्टाफ के बीच होती ही रहती है.

अब तो दबी जुबान से सभी स्टाफ कह भी रहे हैं कि हम‌ लोग के छुट्टी लेवे में पसीना छूट रहल बा… बाकी सेटिंग हो तो ओपी सिंह जैईसन हो.. जब मर्जी छुट्टी ले ल.. जब मर्जी तब पोस्टिंग कराला और केहुं कुछ बोली न…………….

ये तो आप समझ गए होंगे कि आखिर क्या कारण है जो ऐसे लाईजनर सिपाहियों पर बड़ी-बड़ी गलतियों के बावजूद कठोर कार्रवाई ही नहीं होती?खैर यह तो संबंधित जिले के एसपी ही जानें जहां लगातार लाखों के स्क्रैप की चोरी होती है, गोलियां चलती हैं और कुछ लोग मरते भी हैं, लेकिन फिर भी यह धंधा कभी बंद नहीं होता.

 

स्क्रैप सिंडिकेट में जीएसटी का बिल बांटने वाला पंकज खंडेलवाल

बातचीत में लोहा चोरों से लेकर आईपीएस अधिकारी तक का जिक्र

3 मिनट 52 सेकेंड के इस ऑडियो में सामान्य शाखा के सिपाही ओम प्रकाश और एक स्क्रैप माफिया आदित्यपुर के नवनीत तिवारी की चर्चा कर रहे हैं. यह वही नवनीत तिवारी है, जिसे आदित्यपुर थाना क्षेत्र पुलिस को हाल ही में अप्रैल 2024 में चोरी और घपलेबाजी में अभियुक्त के रूप में तलाश‌ थी. यह वही नवनीत तिवारी है, जिसका बंद पड़ी अभिजीत कंपनी का चोरी का माल हेडक्वार्टर डीएसपी ने गुप्त सूचना के आधार पर आदित्यपुर मेन रोड से पकड़ा, लेकिन पुलिस की भूमिका देखिए कि रंगे-हाथ पकड़ा कर भी कोई जेल नहीं गया. जबकि नवनीत का 15 लाख के चोरी का लोहा लदे एक ट्रक को गाड़ी मालिक और ड्राइवर नकली जीएसटी पेपर बनाकर जमशेदपुर में खपाने के लिए ले जा रहे थे. पूर्व‌ में भी आदित्यपुर थाना से ही 29 जून 2020 को नवनीत तिवारी 10 चोरी की मोटरसाइकिल मामले में जेल गया था. आज भी आदित्यपुर में वह खुलेआम अपना धंधा कर रहा है और सारा माल पवन कांटा में वजन होता है, जबकि उस पर पहले भी गंभीर धाराओं में कई मामले दर्ज किए गए हैं. आदित्यपुर में नवनीत तिवारी और पंकज खंडेलवाल का यह केस ऐसा बड़ा मामला था, जिसमें जीएसटी के नक़ली पेपर बनाने में जुगसलाई के भगवती इंटरप्राइजेज का मालिक पंकज खंडेलवाल भी शामिल था, लेकिन जांच के नाम पर सब ख़ामोश हो‌ गये हैं. तो फिर आप समझ ही गए होंगे कि क्या है लाइजनिंग सिस्टम का इतना बड़ा मामला, लेकिन गिरफ्तारी शून्य और धंधा फिर से जारी.

इसी तरह हाल ही में करोड़ों की जीएसटी चोरी में जेल गया बबलू जायसवाल भी स्क्रैप सिंडिकेट का ही सरगना माना जाता है, जिसका कार्य क्षेत्र भी सरायकेला-खरसावां ही है. इसी तरह ओपी और अभिषेक की बातचीत में दो आईपीएस अधिकारी और धंधेबाज राकेश, राजू, भोलू और अमन गुप्ता का भी नाम लिया जा रहा है. इस मामले पर फतेह लाईव ने सबसे पहले रिपोर्टिंग की थी. जब अमन गुप्ता सरायकेला-खरसावां में किसी इंस्पेक्टर का रिश्तेदार बताकर ईडी द्वारा अधिग्रहीत करोड़ों के घोटाले वाली खरसावां थाना क्षेत्र में बंद पड़ी अभिजीत कंपनी से चोरों को ले जाकर बड़ा और सुनियोजित गोरखधंधा चला रहा था. इस बातचीत में किसी पूर्वी कंपनी का भी जिक्र है. जहां रोजाना लाखों का स्क्रैप खपाया जा रहा है और कोल्हान में फैले इस पूरे सिंडिकेट पर सबसे पहले फतेह लाईव द्वारा लगातार सीरिज के रूप में खबरें चलाई गई थी. हालांकि जो ऑडियो हमें प्राप्त हुआ है उसकी पुष्टि फतेह लाइव नहीं करता.

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