घोटाले को छुपाने के लिए मानगो नगर निगम के अधिकारी ने लगाया जुगाड़, लंबित योजनाओं पर आनन-फानन में शुरु कराया काम, प्रति मजदूर को हजार रुपये में किया गया बुक
चरणजीत सिंह.


जमशेदपुर के मानगो नगर निगम में 15वें वित्त आयोग की राशि से विभिन्न योजनाओं के लिए टेंडर (ई-निविदा निमंत्रण सूचना UDHD/MMC/03/2023-24 तारीख 29 अप्रैल 2023) होने और उनका काम किये बगैर 1.33 करोड़ से ज्यादा राशि की निकासी अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से किये जाने का खुलासा मंगलवार को फतेह लाइव ने किया था. यह खबर प्रकाशित होने के बाद मानगो नगर निगम में जहां खलबली मच गई. वहीं, पूरे मामले पर डीसी अनन्य मित्तल ने संज्ञान लेते हुए जांच शुरु करवा दी है. सूत्रों के अनुसार डीसी ने मामले की जांच के लिए एसडीओ शताब्दी मजुमदार को अधिकृत किया है. हालांकि एसडीओ शताब्दी मजुमदार से पूछे जाने पर कहा है कि अगर डीसी ने जांच करने को कहा है तो करेंगे, लेकिन उनका आदेश अभी नहीं देखा है.
वहीं, इस बड़े मामले को लेकर डीसी कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि बुधवार को ही डीसी ने प्रभारी अपर नगर आयुक्त सुरेश यादव, सहायक नगर आयुक्त (पूर्वी) आकिब जावेद, सहायक अभियंता संतोष कुमार को अपने कार्यालय में तलब कर लिया. उनसे इस मामले में पूछताछ की गई और उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि वह मामले की जांच में सहयोग करेंगे. दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार बुधवार सुबह 11 बजे कार्यालय में मीटिंग का दौर चला. बाहरी लोगों का प्रवेश पर रोक लगा दी गई. महिलाएं और बुजुर्ग को खाली हाथ लौटना पड़ा, जो कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मानगो नगर निगम में आये थे.

योजनास्थल पर लगाया गया काम, एक हजार पर दिहाड़ी मजदूर किये गए हैक
इधर, जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में अपनी गर्दन फंसते देख मानगो नगर निगम के अधिकारी सतर्क हो गये हैं. वह कई तरह के जुगाड़ खुद को बचाने में लगा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि इसी क्रम में सबसे पहले जिन योजनाओं में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है. वहां कार्य शुरु करा दिया गया है. इनमें न्यू वाटिका ग्रीन सिटी से लेकर गंगा कॉम्पेलेक्स तक आनन फानन में 20 मजदूर लगाकर काम शुरु करा दिया गया है. इन मजदूरों को उनकी दिहाड़ी मजदूरी से कहीं बढ़कर एक हजार रुपये प्रति छह घंटा के लिए हैक किया गया है. इनसे दिन रात काम कराया जा रहा है. वहीं, कृषि विभाग से पावर सब स्टेशन बालीगुमा में भी पेवर्स ब्लॉक गिराया जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि इससे पूर्व डिमना रोड शंकोसाई पीएनबी बैंक के सामने सुबह नौ बजे डीएमसी सुरेश यादव एवं ठेकेदार आशुतोष पांडे ने पेवर्स ब्लॉक के चर्चित सप्लॉयर गौड़गौड़ा बस्ती नियर डीपीएस स्कूल निवासी दीपक कुमार और अन्य नौ ठेकेदारों को तीन-तीन लाख रुपये सौंपते हुए दो दिन में अपनी लापरवाही को ठंकने का जिम्मा दिया गया है, जिससे डीसी की आंखों में धूल झोंकी जा सके और जांच प्रभावित किया जा सके. यहां यह बताने योग्य है कि पेवर्स ब्लॉक सप्लॉयर दीपक कुमार पर तत्कालीन एसडीओ पारुल सिंह के द्वारा छापामारी करके गोदाम को सील किया गया था. एफआईआर भी हुई थी, लेकिन धनशक्ति का इस्तेमाल कर दीपक कार्रवाई से बचता रहा है, जो कि जांच का विषय है.

लापरवाही ढंकने के लिए विधायक निधि का बोर्ड उखाड़ा गया
अपनी लापरवाही को ढंकने और खुद पर होने वाली विभागीय जांच से बचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. इसी बीच बालीगुमा ग्रीड के पास सुकुना बस्ती में क्रॉस रोड जो कि विधायक निधि के द्वारा एक माह पूर्व कार्य हो चुका है. वहां लगा हुआ बोर्ड सुबह तोड़कर भी हटा दिया गया है. इसका शिलान्यास स्थानीय मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा किया गया था. उसी कार्य को दर्शाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि वरीय अधिकारियों को गुमराह किया जा सके. जानकारी के अनुसार विधायक निधि के कार्य में सफेद रंग की पेवर्स का उपयोग होता है, जबकि 15वीं वित्त आयोग की योजना में लाल और पीले रंग के पेवर्स का उपयोग होता है. ऐसे में विधायक फंड के योजना कार्य को 15वें वित्त में दिखाकर लीपापोती करने की पूरजोर तैयारी चल रही है.
