रात में चोरी और दिन में स्क्रैप टालों से खप जाता है सारा माल

Charanjeet singh.

जमशेदपुर में बंद पड़ी केबुल कंपनी में चोरी की वारदातें कभी रोकी नहीं जा सकती, क्योंकि इसमें पुलिस या तो मैनेज है या फिर भयभीत हो चुकी है. हालांकि एक थाना प्रभारी चाह ले तो उसके क्षेत्र में परिंदे भी पर नहीं मार सकते, लेकिन यहां अगर खुलेआम चोरी होती है तो मतलब साफ है.

हम बात कर रहे हैं लौहनगरी के चर्चित बंद पड़ी केबुल कंपनी की. जहां खुले आम चोरी होती है और दिन-रात होती है. इस पर न कभी रोक लगती है और न कभी कोई जनप्रतिनिधि बोलते हैं. कभी यहां स्क्रैप के धंधे में वर्चस्व को लेकर गोलियां चल चुकी हैं. उसमें बीरु और मोहरी का नाम आया था.

तो कभी केबुल से माल‌ निकालने को लेकर भीषण आगजनी भी हो चुकी है. सूत्र बताते हैं कि कंपनी से सुरेश विश्कर्मा, चिंटू चौबे, बोदरा जैसे कई लोग स्क्रैप काटते हैं और महिलाओं को देते हैं, जो खालसा बस्ती के पिंटू और शिवा (दोनों पार्टनर) के टाल तक पंहुचाते हैं. इस चोरी का वीडियो फतेह लाइव को भी मिला है.

यही हैं स्क्रैप टाल संचालक शिवा और पिंटू

हर गली में है एक स्क्रैप टाल

अब तो आलम यह है कि थाना को मंथली देकर बस कोई भी एक टाल चालू कर ले और चोरी का माल खरीद कर ऊंचे दामों पर फर्जी बिल बनाकर बड़े कंपनी को बेच ले, यानी हजारों लगाओ और लाखों कमाओ.

सूत्रों की मानें तो गोलमुरी चर्च के पास तीन साल से ज्यादा समय से पिंटू और शिवा ने टाल खोला है, तब से इलाके में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं. सूत्र बताते हैं कि रोजाना दो से तीन टन स्क्रैप काटा जाता है. कंपनी के खुलने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं, लेकिन उससे जुड़े हजारों लोगों ने उम्मीद भी नहीं छोड़ी है. जिस हिसाब से कंपनी से माल टपाया जा रहा है, उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि कंपनी में कुछ बचेगा.

खैर, हमें एक ऐसा वीडियो हाथ लगा है जिसमें महिलाओं द्वारा सिर पर लोहा या तांबा लादकर कपड़े से लपेटकर टाल तक पहुंचाया जा रहा है, वह भी दिन के उजाले में. आखिर बिना पुलिस की सेटिंग के यह काम तो संभव है ही नहीं. इससे पहले भी गोलमुरी में रेलवे की बोगियों की कटिंग चर्चा में रही है और एक थाना प्रभारी पर गाज भी गिरी है. उस समय देवेन का टाल बहुत चर्चित रहा है और मामले में एक भाजपा कार्यकर्ता का ट्वीट ही मील‌ का पत्थर साबित हुआ था.

सूत्रों की मानें तो यहां स्क्रैप चोरी से मालामाल हो रहे धंधेबाजों में वर्चस्व की लड़ाई कभी भी हो सकती है और अगर समय रहते ये टाल बंद नहीं हुए तो फिर से कोई बड़ी घटना घट सकती है. पिछले दिनों जब कंपनी में आग लगी थी, उस वक्त यहां रेलवे के एक मन्नू नामक टाल संचालक ने टाल खोला था. इस धंधे में वह मालामाल हो गया. उसके बाद अब आदित्यपुर में सेट हो चुका है.

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