फतेह लाइव, रिपोर्टर.
निष्पक्ष और बेधड़क खबरें प्रकाशित करने के लिए झारखंड समेत विभिन्न राज्यों में लोकप्रिय हो रहे “फतेह लाइव” अपने सामाजिक सरोकार को निभा रहा है. इसी कड़ी में गत 19 फरवरी को परसुडीह थाना की दबंग मुंशी नीतू कुमारी, एसएसपी के आदेश को भी ठेंगा शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की गई थी. इसमें बताया गया था कि एसएसपी कौशल किशोर ने 11 फरवरी को 14 आरक्षियों का तबादला किया था. इसमें तबादला सूची की क्रमांक आठ में परसुडीह थाना की मुंशी नीतू कुमारी का तबादला बगल के सुंदरनगर थाना में किया गया था, लेकिन वह थाना प्रभारी की शह पर अपने नए पदस्थापना क्षेत्र में योगदान नहीं दे रही है. उनकी कार्यशैली से इलाके की जनता त्राहिमाम है.
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इस खबर के प्रकाशित होने के बाद विभाग में खलबली मच गई थी. सूत्रों के अनुसार जिले के वरीय अधिकारियों ने इसे संज्ञान में लिया था. चूंकि झारखंड के कई आला अधिकारीयों के पास यह खबर पहुंच चुकी थी, जिसके बाद वरीय अधिकारियों के सख्त निर्देश से 21 फरवरी शुक्रवार की रात नीतू कुमारी ने आनन फानन में सुंदरनगर थाना में योगदान दे दिया.
सुंदरनगर के थाना प्रभारी पंकज कुमार यादव ने भी रविवार को पुष्टि की है कि नीतू कुमारी नामक आरक्षी ने थाना में योगदान दे दिया है. इधर, अब परसुडीह थाना में मुंशी का कार्य शशि कुमार सिंह को देखने का निर्देश प्राप्त हुआ है.
पुलिसिंग को बदनाम करने वालों पर बनी रहेगी पैनी नजर
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता राज्य की पुलिसिंग को बेहतर करने में जुटे हुए हैं. खाकी का कद बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं, लेकिन कुछ आरक्षी उनके प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. नीतू कुमारी की लगातार प्राप्त शिकायतों के अलोक में उनकी पहचान थाना मुंशी के रूप में सहयोगात्मक पुलिस की कम दबंग के रूप में अधिक बताई गई. उन पर थाना प्रभारी की दुलारी होने की चर्चा बन गई थी. उसकी ईच्छा के बिना थाना में एक पत्ता भी नहीं हिलता था. थाना में हर दिन आने वाले सारे केस इसी महिला मुंशी के हाथों निपटाये जाते थे, जिससे पुलिस की क्षवि धूमिल होने लगी थी. बहरहाल यह तबादला परसुडीह से सुंदरनगर में किया गया था, जो तबादला नहीं कहा जा सकता है. परसुडीह के बगल में ही तबादला होना कहीं न कहीं नीतू कुमारी की आला अधिकारियों के बीच पहुंच को ही परिलक्षित करने की बात पुलिस के लोग अब भी कर रहे हैं. बहरहाल, नीतू कुमारी के यहां से तबादला होने से थाना में चली आ रही प्रथा में सुधार होता है या फिर वही स्थिति बनी रहेगी, इस पर फतेह लाइव की निगाह बनी हुई है.
युवक को 26 दिनों से थाना में रखे जाने का मामला भी नहीं हुआ शांत
इधर गत दिनों परसुडीह थाना हाजत में 26 दिनों से एक अनमेष नामक युवक को रखे जाने का मामला भी अभी शांत नहीं हुआ है. इस खबर को भी फतेह लाइव ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद थाना प्रभारी ने युवक की बहन और दादा द्वारा एक लाख रूपये मांगे जाने की बात को खारिज किया था और कहा था कि ब्रॉउन शुगर के मामले में युवक जेल जा चुका था एवं उसी धंधे को उजागर करने के लिए उससे जरुरी पूछताछ करने के लिए रोजाना थाना बुलाया जाता था. खैर यह तो थाने में लगे सीसीटीवी ही सच बता देंगे, लेकिन कहा जाता है कि कैमरे की आंख भी बंद है. यानी वह खराब पड़े हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिकयह मामला भी थाना के आशिकारी की रीढ़ की हड्डी बन गया है. एक वरीय अधिकारी इसमें गवाही कर चुके हैं और उच्च स्तरीय जांच के दबाव से पुलिस अधिकारी गुजर रहे हैं. झारखण्ड के पुलिस मुख्यालय तक भी इसकी गूंज चल रही है.