फतेह लाइव, रिपोर्टर.

पूरा देश इन दिनों महाकुंभ के दर्शन को उमड़ा रहा है. इसी कड़ी में जमशेदपुर से भी श्रद्धालु इस यात्रा को जाने के लिए हर जद्दोजद्द कर रहे हैं. शुक्रवार को टाटानगर स्टेशन से खुली जम्मूतवी एक्सप्रेस में महाकुम्भ के श्रद्धालुओं का कब्जा हो गया. जनरल तो जनरल स्लीपर से लेकर एसी तक की कोचों में लोग भेड़ बकरियों की तरह जाने को मजबूर दिखे.

इससे ट्रेन में आरक्षित टिकट लेकर जाने वाले यात्रियों को खूब परेशानी झेलनी पड़ी. उन यात्रियों की सुनने वाला कोई नहीं था. जिस कद्र ट्रेन की बोगियों में यात्री टूट पड़े थे, उससे निपटने की कोई व्यवस्था टाटानगर रेलवे स्टेशन में नहीं थी.

हर जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे घटनाक्रम में नजर नहीं आ रहे थे. स्लीपर बोगियां के शौचालय, गेट तक में यात्री कब्जा किये हुए थे. आरक्षित सीट वाले यात्री अपनी सीट तक पहुंचने में कष्ट कर रहे थे. अगर सीट तक चले भी गए तो उन्हें सीट खाली नहीं मिली. सीटों के नीचे चादर, चटाई बिछा के लोगों ने डेरा कर रखा था.

यात्री एक दूसरे से झगड़ा करने पर उतारू हो रहे थे. छोटे छोटे बच्चे भीड़ का शिकार हो रहे थे, मसलन भीड़ में कुचले जा रहे थे. महिलाओं के आंख से पानी गिरने लगा था. इस भाग दौड़ वाली जिंदगी में कोई जिम्मेदारी निभाने वाला नहीं था.

ट्रेन के खुलने के बाद भी महिलाएं बच्चे चेंन पुलिंग कर एसी बोगियों में अपनी जान जोखिम में डालकर सवार हो रहे थे. टाटानगर स्टेशन में ऐसी अव्यवस्था के बीच अगर कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेवारी स्थानीय रेल प्रशासन की होती है यह कहना कतई गलत नहीं होगा.

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