विधायक रामदास सोरेन ने असम के टी ट्राइब मजदूरों का उठाया मामला 

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

झारखंड में सरकार गठन की अंतिम तिथि 5 जनवरी 2025 है. इसलिए भारत सरकार के दबाव में भारत निर्वाचन आयोग ने समय से पूर्व झारखंड में चुनाव की तिथि की घोषणा की है. यह बात घाटशिला के विधायक सह प्रदेश के जल संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में रहने वाले लोगों की धार्मिक एवं सांस्कृतिक भावनाओं की अनदेखी की है. चुनाव अवधि में बहुत सारे त्यौहार आते हैं, जिस पर चुनाव आयोग ने गौर नहीं किया. उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा और 17 अक्टूबर को मनसा पूजा थी. इसके अलावा एक और 2 नवंबर को काली पूजा दीपावली व धनतेरस और 3 नवंबर को गोवर्धन पूजा व गोरु खुटाव है. इसके अलावा 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक महापर्व छठ त्यौहार है. 

ऐसे में चुनाव की तिथि की घोषणा करना कितना सही है. मंत्री सोरेन ने कहा कि असम में 100 वर्षों से अंग्रेजों के शासन में ले जाकर बसाया गया. वे आज तक अनुसूचित जनजाति की सुविधा असम राज्य में उन्हें उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के मंत्री परिषद ने असम के आदिवासियों के इस समस्या के समाधान के लिए उच्च स्तरीय समिति विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में गठित की है. समिति का काम यह देखना होगा कि इन्हे ट्री ट्राइब क्यों कहा जाता है, जबकि इन्हें आज भी सामान्य श्रेणी में ही रखा गया है, जिसके कारण राज्य सरकार की नियुक्तियों के साथ-साथ केंद्रीय नियुक्तियों में भी आरक्षण का लाभ इन्हें नहीं दिया जाता है. 

इन सभी बातों की जानकारी यह समिति अध्ययन करते हुए समाधान का मार्ग निकालेगी. इस प्रेस वार्ता में कान्हू सामंत, बाघराय मार्डी, वकील हेंब्रम, काली पदो गोराई, काजल डॉन, जगदीश भगत, प्रधान सोरेन, सुखलाल हांसदा, विक्रम टुडू के साथ-साथ काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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