- किसान आंदोलन के खिलाफ पुलिस दमन रोकने की मांग, किसानों को मिलें अधिकार
फतेह लाइव, रिपोर्टर


अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर गिरिडीह उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ किए जा रहे दमन और उनके अधिकारों की हनन के विरोध में था. महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूरण महतो, विजय सिंह, अशोक पासवान, राजेश सिन्हा, शंकर पांडेय, कन्हाई पांडेय, मेहताब अली मिर्जा, रामलाल मुर्मू और प्रीति भास्कर के नेतृत्व में यह ज्ञापन सौंपा गया. किसान नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि वे किसानों के प्रति दमनात्मक नीति को खत्म करें और उनके संघर्ष के लोकतांत्रिक अधिकारों को सम्मान दें.
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किसान नेताओं ने गिरिडीह उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन में उठाई गंभीर मांगें
ज्ञापन में किसानों द्वारा की जा रही मांगों की सूची दी गई, जिसमें पुलिस दमन को रोकने, किसानों की गिरफ्तारी की शर्त मुक्त रिहाई, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों सहित उनके उपकरणों की वापसी, और चोरी हुए सामान की भरपाई की मांग शामिल है. किसानों ने यह भी आग्रह किया कि झारखंड सरकार गैर मजरूआ भूमि के लिए रसीद काटने की गारंटी दे और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को प्रभावी रूप से लागू करें. इसके अलावा वन अधिकार कानून 2005 की गारंटी को लागू करने की भी मांग की गई.
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किसान महासभा ने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया
किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि यह ज्ञापन किसानों की जायज मांगों के लिए है, और इसे भारत सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से उठाया गया है. इस ज्ञापन में पंजाब सरकार और केंद्र सरकार पर किसानों के आंदोलन को दमन करने का आरोप भी लगाया गया है, जहां उनके उपकरणों को नुकसान पहुंचाया गया और गिरफ्तारी की गई. महासभा ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन और सरकार इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे और किसानों के हित में निर्णय लेंगे.