- उपायुक्त ने अधिकारियों को जन्म और मृत्यु निबंधन प्रक्रिया को सशक्त बनाने के निर्देश दिए
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जन्म और मृत्यु निबंधन से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जन्म और मृत्यु अधिनियम 1969 के तहत प्रत्येक जन्म और मृत्यु की घटनाओं का निबंधन अनिवार्य है. इसके अलावा, हाल ही में लागू जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधित) अधिनियम 2023 और झारखंड जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2009 की चर्चा की गई. बैठक में यह भी बताया गया कि निबंधन प्रक्रिया ऑनलाइन है, और इसके लिए ORGI द्वारा विकसित पोर्टल ‘dc.crsorgi.gov.in’ का उपयोग किया जाता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 21 दिनों के भीतर जन्म और मृत्यु की घटनाओं का निबंधन अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि यह प्रक्रिया ससमय पूरी हो सके.
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निबंधन की प्रक्रिया और विलंब शुल्क पर दी गई जानकारी
उपायुक्त ने कहा कि अगर घटना के 21 दिनों के भीतर निबंधन कराया जाता है तो यह निःशुल्क होता है, जबकि 21 से 30 दिनों तक विलंब शुल्क के रूप में एक रूपया लिया जाता है. यदि 30 दिन के बाद भी निबंधन कराया जाता है तो जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के आदेश पर एक रूपया विलंब शुल्क लेकर निबंधन प्रक्रिया पूरी की जाती है. उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि निबंधन से संबंधित आंकड़े नीति निर्माण में महत्वपूर्ण होते हैं और इन आंकड़ों का उपयोग सरकार विभिन्न योजनाओं के लिए करती है. इसके कारण यह जरूरी है कि प्रत्येक जन्म और मृत्यु का निबंधन समय पर हो, ताकि किसी भी व्यक्ति को बाद में कोई परेशानी न हो.
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सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को दिए गए सख्त दिशा-निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने उपस्थित सभी अनुमंडल पदाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके क्षेत्र में होने वाली सभी जन्म और मृत्यु घटनाओं का समय पर निबंधन कराया जाए. इसके अलावा, उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि वे प्रखंड स्तरीय बैठकें आयोजित करें और तीन महीने में एक बार अंतर्विभागीय समन्वय बैठक करें, जिससे सभी निबंधन कार्यों की समीक्षा हो सके. पंचायत सचिवों को निर्देशित किया गया कि वे हर सोमवार को पंचायत सचिवालय में जन्म और मृत्यु निबंधन का कार्य करेंगे. इस तरह से सभी स्तरों पर निबंधन प्रक्रिया को सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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निजी अस्पतालों को सीआरएस पोर्टल से जोड़ने का निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत बड़की सरैया और धनवार तथा सहायक नगर आयुक्त, गिरिडीह नगर निगम को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र के सभी निजी अस्पतालों को सीआरएस पोर्टल से जोड़ें, ताकि वहां भी होने वाली जन्म और मृत्यु की घटनाओं का समय पर निबंधन किया जा सके. इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि जिले में सभी अस्पतालों में होने वाली घटनाओं को पंजीकृत किया जा सके और निबंधन प्रणाली में कोई कमी न आए. इसके अलावा, सभी सरकारी विद्यालयों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक बालक का जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से मांगा जाए, ताकि शिक्षा की प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए.