- सड़क हादसों में कमी, ट्रैफिक सुधार और जागरूकता को लेकर अधिकारियों को सौंपे अहम कार्य
- सड़क सुरक्षा में सहयोग करने वालों को मिलेगा सम्मान, हिट एंड रन मामलों पर सख्ती
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक में शहरी परिवहन, यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों व पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई. उपायुक्त ने कहा कि जिले में सड़क हादसों की संख्या को कम करने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर समन्वित प्रयास करने होंगे. उन्होंने आईआरएडी एप पर सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों को अपडेट रखने और घटनाओं का विश्लेषण कर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उन स्थानों पर संरचनात्मक सुधार व साइनेज लगाने की बात कही गई, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका को कम किया जा सके.
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ब्लैक स्पॉट होंगे चिन्हित, सड़क सुधार को लेकर निर्देश जारी
बैठक में उपायुक्त ने स्कूल और कॉलेजों के आसपास ट्रैफिक नियमों की सख्त निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, ट्रिपलिंग, ओवर स्पीडिंग और रैश ड्राइविंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही शहर के भीतर जितने भी दुर्घटना संभावित सड़कें हैं, उन पर आवश्यक रोड साइन व चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और वहां पूर्व में हुई दुर्घटनाओं की जानकारी प्रदर्शित की जाए ताकि आमजन सचेत हो सकें. नगर निगम को निर्देश दिया गया कि ई-रिक्शा के लिए अलग रूट निर्धारित किया जाए ताकि ट्रैफिक बाधित न हो. इसके अलावा, जिले में लगे सीसीटीवी कैमरों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने हेतु उन्हें जल्द ठीक कराने का आदेश भी दिया गया.
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शिक्षण संस्थानों के पास सख्त निगरानी, ई-रिक्शा के लिए तय होंगे अलग रूट
उपायुक्त श्री यादव ने कार्यपालक अभियंता, RCD को निर्देशित किया कि कोडरमा से समन्वय स्थापित कर जमुआ से खोरीमहुआ मुख्यालय तक सड़क सुधार कार्य एवं आवश्यक साइनेज की व्यवस्था सुनिश्चित करें. साथ ही स्पीड ब्रेकर लगाने और भारी वाहनों की नियमित जांच के आदेश भी दिए. ओवरलोडिंग रोकने, रेडियन लाइट व अन्य सुरक्षा मापदंडों की अनुपस्थिति में चालान करने को भी कहा गया. उपायुक्त ने ‘गुड समरिटन’ योजना का प्रचार-प्रसार कर सड़क हादसे के बाद घायलों की मदद करने वाले लोगों को पुरस्कृत करने की बात कही और कहा कि गोल्डन पीरियड में अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों से कोई पूछताछ न की जाए. वहीं, हिट एंड रन मामलों में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए. बैठक में पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, परिवहन पदाधिकारी, यातायात एसडीपीओ व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.