• जल संकट से निपटने के लिए स्थाई समाधान की जरूरत : अनिल चौधरी

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गिरिडीह जिले के जमुआ और देवरी प्रखंडों में पानी की भीषण समस्या विकराल रूप ले चुकी है. कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने कहा कि इस भीषण गर्मी में जल संकट के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं. गांव-गांव में कुएं सूख चुके हैं, तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है और नदियों का जल स्तर भी घट चुका है. इस स्थिति के कारण स्थानीय लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की बहुप्रचारित “नल जल योजना” केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है, और करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद नलों में पानी नहीं आता. पाइपलाइन बिछी तो हैं, लेकिन पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. जलमीनारें तो हैं, लेकिन टंकियां सूखी पड़ी हैं. इस तरह के प्रशासनिक असफलता और भ्रष्टाचार की स्थिति को लेकर अनिल चौधरी ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.

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जल संकट से जूझते गांवों में सख्त समाधान की आवश्यकता

अनिल चौधरी ने यह भी कहा कि इस विकराल जल संकट के बावजूद जमुआ के विधायक और कोडरमा की सांसद ने अब तक कोई गंभीर पहल नहीं की है. उन्होंने बताया कि हर गांव में पानी की कमी को लेकर शिकायतें मिलती हैं, महिलाएं मीलों दूर से पानी ढो रही हैं और बच्चे पानी लाने के लिए स्कूल छोड़ रहे हैं. यह स्थिति मानवाधिकारों के भी खिलाफ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी जलस्रोतों की मरम्मत और सफाई कराई जाए, नल जल योजना की निष्पक्ष जांच हो, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही, उन्होंने हर पंचायत में जल संकट से निपटने के लिए स्थायी व्यवस्था बनाने और वर्षा जल संचयन को अनिवार्य करने की भी मांग की है.

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