- ब्लड सेपरेशन यूनिट से जिले में रक्त की उपलब्धता बढ़ेगी, गंभीर मरीजों को मिलेगा फायदा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, भारत सरकार के द्वारा ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट सदर अस्पताल, गिरिडीह को रक्त केंद्र संचालन के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया है. सदर अस्पताल रांची के बाद यह गिरिडीह जिला दूसरा स्थान है जिसे रक्त केंद्र संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त हुआ है. इस नई सुविधा के कारण सदर अस्पताल में 1000 यूनिट रक्त संधारण की क्षमता हो गई है, जिससे मरीजों को आवश्यकतानुसार समय पर रक्त के विभिन्न घटक मुहैया कराए जा सकेंगे. ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट रक्त के विभिन्न घटकों जैसे RBC, Platelets, Plasma को अलग करने की तकनीक है, जिससे एक ही रक्तदान से कई रोगियों की मदद की जा सकती है.
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ब्लड सेपरेशन यूनिट से विशेष लाभ थैलेसीमिया के मरीजों को
यह यूनिट रक्त की उपलब्धता में वृद्धि करने, विशिष्ट चिकित्सा स्थितियों के लिए उपचार प्रदान करने और रक्त से संबंधित बिमारियों के इलाज के लिए नये तरीके खोजने में मदद करती है. खासतौर पर थैलेसीमिया और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों और मरीजों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा. इससे रक्त संग्रह की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से और लंबे समय तक किया जा सकेगा. इसके अलावा, गिरिडीह जिले में खून की कमी से किसी की मौत न हो, इसके लिए जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है. इस सुविधा के माध्यम से मरीजों को उनकी विशिष्ट आवश्यकता के अनुसार रक्त प्राप्त होगा, जिससे उनकी जान बचाने में मदद मिलेगी.
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19 अप्रैल को ब्लड डोनेशन कैंप, प्रशासन ने नागरिकों से योगदान की अपील की
उपायुक्त, गिरिडीह नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि मरीजों को बेहतर और समय पर उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. रक्त की कमी को दूर करने के लिए ब्लॉक एवं जिला स्तर पर समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं. इस क्रम में 19 अप्रैल, 2025 को समाहरणालय प्रांगण में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया जाएगा, जहां इच्छुक लोग रक्तदान कर अपना अहम योगदान दे सकते हैं.