- “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत किशोरियों और महिलाओं के लिए स्वच्छता व स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
फतेह लाइव, रिपोर्टर
समाज कल्याण विभाग द्वारा समाहरणालय सभागार में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के अंतर्गत माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में माहवारी स्वच्छता के उद्देश्य, मुख्य स्तंभ, और माहवारी से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से सुरक्षित माहवारी न होने के दुष्प्रभाव, संक्रमण का खतरा, तथा किशोरियों और महिलाओं के लिए माहवारी संबंधी समस्याओं पर चर्चा की गई. कार्यशाला में यह भी बताया गया कि माहवारी स्वच्छता प्रबंधन स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए कितना महत्वपूर्ण है. साथ ही, लिंग भेद और सामाजिक दुष्प्रभावों पर भी संवाद किया गया. प्रतिभागियों को सेनेटरी पैड और हाइजीन किट वितरित किए गए.
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कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती स्नेह कश्यप ने कहा कि हर वर्ष 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष का थीम “Coming Together For Period Friendly World” रखा गया है. कार्यशाला में स्वच्छ और साफ़ अवशोषक सामग्री की उपलब्धता, नियमित स्वच्छता, गोपनीयता बनाए रखने, हाथ धोने के लिए जल और साबुन की उपलब्धता, और इस्तेमाल किए गए अवशोषक के सुरक्षित निपटान की सुविधा जैसे बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया. इस दौरान जिला पदाधिकारी ने किशोरियों को हाइजीन किट वितरित की और पांच प्रतिभागियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया.
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यूनिसेफ की प्रतिनिधि ने कहा कि महामारी के दौरान संसाधनों की आपूर्ति के माध्यम से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में यूनिसेफ लगातार सहयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छता आवश्यक है और इसी उद्देश्य से महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित किए गए. इस पहल से महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और समाज में स्वच्छता का संदेश जाएगा. इस कार्यक्रम ने माहवारी स्वच्छता को लेकर सामाजिक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.