• कार्यशाला में शिक्षकों के समग्र विकास पर जोर, नए सत्र के लिए तैयारियों पर चर्चा

फतेह लाइव, रिपोर्टर

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बरगंडा में शुक्रवार को विद्या भारती योजनानुसार त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन समिति सदस्या डॉ. पुष्पा सिन्हा, सह प्रांत सेवा प्रमुख मुकेश रंजन सिंह और प्रधानाचार्य आनंद कमल ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर और पुष्पार्चन कर किया. इस अवसर पर प्रधानाचार्य आनंद कमल ने कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला आगामी सत्र के लिए वर्ष भर की योजनाओं के निर्माण और उनके क्रियान्वयन हेतु की जा रही है. इस सत्र में आचार्य-दीदी जी को ऊर्जावान होकर शिक्षण कार्य में संलग्न होने की प्रेरणा दी गई, ताकि बच्चों के समग्र विकास में प्रत्येक क्षण का सदुपयोग हो सके.

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा, नैतिक शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श

कार्यशाला में मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत ईसीसीई (Early Childhood Care and Education) पर चर्चा की गई. साथ ही, वर्तमान सत्र की समीक्षा, आचार्य भारती का गठन, प्रांतीय कार्य योजना, शैक्षिक पंचांग आदि पर भी विचार किए गए. डॉ. पुष्पा सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है और ऐसे में शिक्षकों को बच्चों के उन्नयन हेतु नैतिक शिक्षा पर विशेष बल देना चाहिए. मुकेश रंजन सिंह ने विद्या भारती की प्राचीन समृद्ध विरासत की चर्चा करते हुए कहा कि विद्यालयों को समाज की आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करना चाहिए. कार्यशाला में समस्त आचार्य और दीदी जी उपस्थित थे और आगामी सत्र के लिए तैयारियों की योजना बनाई.

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