- बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
- कार्यक्रम में जिला उपायुक्त ने आरोग्य दूतों को किया सम्मानित
फतेह लाइव, रिपोर्टर












समाहरणालय सभागार में वित्तीय वर्ष 2024-25 के विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य आरोग्य दूत का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला उपायुक्त, नमन प्रियेश लकड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला और वर्ग 6 से 12 तक के सभी आरोग्य दूतों को प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में किशोरावस्था में बच्चों को आने वाली चुनौतियों के समाधान में शिक्षकों की भूमिका, बाल विवाह की रोकथाम और बच्चों को संतुलित आहार लेने के लिए जागरूक करने की चर्चा की गई.
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कार्यक्रम के दौरान जिला उपायुक्त ने सभी आरोग्य दूतों की सराहना की और उन्हें विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के दायित्वों को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि जिले में 3158 सरकारी विद्यालयों में इस कार्यक्रम का सफल संचालन किया जाएगा. साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात की कि सभी आरोग्य दूत अपने कार्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें. उपायुक्त ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए स्वास्थ्य के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में सहयोग और समन्वय के साथ कार्य किया जाएगा, ताकि उसके बेहतर परिणाम सामने आ सकें.
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उपायुक्त ने विद्यालयों में बेहतर शिक्षा के साथ-साथ खेल, साहित्य, कला, संस्कृति आदि जैसे विषयों से संबंधित क्रियाकलापों पर भी जोर दिया. उनका मानना था कि इससे बच्चों का खेलकूद, साहित्य और कला के क्षेत्रों में रुचि बढ़ेगी. उन्होंने कार्यक्रम में ICDS, समर अभियान, पोषण ट्रैकर, बाल विवाह, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों के उदाहरण दिए. यह कार्यक्रम शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से चलाया जा रहा है, और इसका उद्देश्य बच्चों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. इसके सकारात्मक परिणाम जिले में दिखाई दे रहे हैं, और लोग स्वास्थ्य के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं.
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सिविल सर्जन ने इस अवसर पर कहा कि विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम की शुरुआत 27 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री के द्वारा की गई थी, और झारखंड राज्य में यह कार्यक्रम 2020 में मुख्यमंत्री के द्वारा शुरू किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य विद्यालय स्तर पर बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य, पोषण, स्वस्थ जीवन शैली, सड़क सुरक्षा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों के बारे में जागरूक करना है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी विद्यालयों में दो शिक्षक आरोग्य दूत के रूप में नियुक्त किए गए हैं, ताकि बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में उचित जानकारी मिल सके. इस कार्यक्रम के तहत कुल 65 आरोग्य दूतों को प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया गया.