फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































जिला परिषद सभागार चाईबासा पश्चिमी सिंहभूम में विभिन्न सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले जन समुदायों के संवैधानिक अधिकारों और रूढ़ी या प्रथा विधि पर विद्यमान ग्राम स्वशासन व्यवस्था खुटकटी मौजा के भीतर निवास करने वाले खुटकटी रैयतों के मालिकाना अधिकारों, मौलिक अधिकारों से की जा रही छेड़छाड़ तथा अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की असवैधानिकता तथा अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासी जिला परिषद के स्वरूप तथा आरक्षण पर क्रीमी लेयर कितना उचित कितना अनुचित पर चिंतन मनन किया गया। इस परिचर्चा में मुख्य रूप से बुद्धिजीवी मंच के राष्ट्रीय संयोजक विक्टर माल्टो, अशोक कुमार बिरुवा, दिनकर कच्छप ने संबोधन कर पी पेसा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर संबोधन किया।
विक्टर माल्टो ने कहा कि स्वशासी जिला परिषद लागू होने से केंद्र और राज्य की वित्तीय अनुदान सीधे ग्राम सभा एवं जिला परिषद मे आएगी। वर्तमान में डीएमएफटी फंड में की जा रही विधायक, सांसद और उपायुक्त के माध्यम से की जा रही लूट पर रोक लगेगी और उन्होंने ये भी कहा की आदिवासी जमीन के मालिक हैं वन पट्टा एक धोखा है। वर्तमान वन विभाग द्वारा ग्राम सभा की गलत व्याख्या की गई है। अंत में सर्वसमिति से अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासी जिला परिषद का नियमावली बनाने के लिए पश्चिम सिंहभूम से ड्राफ्टिंग कमेटी के लिए सुरेश चंद्र सोय, अशोक कुमार बिरवा, बीरसिंह बिरुली, यदुनाथ तियू, विनोद सवैया, हरिश्चंद्र आल्डा, बागुन बोदरा, दीकु सिंह सवैया, रमेश जेराई, रेयांस सामड, चंद्र मोहन बिरुवा, कालीचरण बिरुवा, बलभद्र सवैया, मोतीलाल कालुंडिया, मुकरू कालुंदिया मनोनित किए गए। ये ड्राफ्टिंग कमेटी 17 अगस्त को रांची की बैठक में शामिल होगा।