फतेह लाइव, रिपोर्टर।

भारतीय जनता पार्टी नेता एवं युवा सिख नेता सरदार सतबीर सिंह सोमू ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत आइएनडीआइए की सरकार तुष्टीकरण के रास्ते पर चल रही है और इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में उठाना पड़ेगा।

उन्होंने झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के गठन में जमशेदपुर के सिखों की अनदेखी करने के साथ ही झारखंड राज्य के अल्पसंख्यक जैन, बौद्ध, पारसी धर्मावलंबी के साथ ही बांग्ला, उड़िया, तेलुगू, गुजराती, तमिल, मलयाली जैसी अल्पसंख्यक भाषा भाषी समूह के साथ भेदभाव किया गया है।

जमशेदपुर से सिखों का प्रतिनिधित्व झारखंड अलग राज्य गठन से होता रहा है और इस बार गायब हो गया है। अल्पसंख्यक धर्म एवं भाषाई समूह की अनदेखी हुई है और जनता चुनाव में अच्छी तरह सबक सिखाएगी।

सोमू के अनुसार आयोग का गठन लॉलीपॉप मात्र से ज्यादा नहीं है। इस सरकार का कार्यकाल डेढ़ साल लगभग रह गया है और ऐसे में केवल खास वोट बैंक को बेवकूफ बनाने का काम किया गया है।

उनके अनुसार जमशेदपुर के हिदायतुल्ला खान एवं रांची के ज्योति सिंह माथारू को बधाई देते हैं, परंतु यह काम तो 3 साल पहले हो जाना चाहिए था।

पिछले 3 साल से अल्पसंख्यकों के हितों के लिए एक भी काम नहीं हुआ है। अल्पसंख्यक ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. चुनाव से पहले वायदे किए गए थे कि जो दो दो तीन-तीन पीढियां से यहां बसे हुए हैं. उन्हें स्थाई अधिवास प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जातिगत प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं पूरे देश में चल रही हैं. परंतु झारखंड में धरातल पर सरकार की नाकामियों के कारण नहीं उतर पाई हैं।

उन्होंने कहा कि यदि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल समावेशी विकास के पक्षधर होते तो छोटे-छोटे धार्मिक एवं भाषाई समूह को भी हिस्सेदारी देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

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