2250 पन्नों का शुल्क लेकर महज 40 पन्नों की दी गई सूचना, धमकी देने का भी आरोप
फतेह लाइव, रिपोर्टर
आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने रविवार को जादूगोड़ा में आयोजित प्रेसवार्ता में पोटका बीडीओ पर सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना देने में अनियमितता और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. संघ के अध्यक्ष दिल बहादुर ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता सुनील मुर्मू ने कुलडीहा पंचायत में हुए विकास कार्यों की जानकारी मांगी थी. बीडीओ द्वारा 2250 पन्नों की सूचना देने की बात कही गई और उसके लिए 4500 रुपये की मांग की गई. सुनील मुर्मू ने तय शुल्क का भुगतान कर उसकी रसीद भी दी, लेकिन सूचना सिर्फ 40 पन्नों की दी गई. दिल बहादुर ने इसे धोखाधड़ी करार देते हुए कहा कि इस प्रकार की हरकतें प्रशासनिक पारदर्शिता को ठेस पहुंचाती हैं.
संघ का आरोप है कि पोटका बीडीओ ने न केवल आरटीआई कार्यकर्ता को गुमराह किया बल्कि मनमाने ढंग से शुल्क वसूली भी की. संघ के महासचिव कृतिवास मंडल को भी कथित तौर पर फोन पर धमकी दी गई, जिसकी शिकायत परसुडीह थाना और वरीय अधिकारियों से की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अध्यक्ष दिल बहादुर ने कहा कि ऐसे मामलों से स्पष्ट होता है कि अधिकारी आरटीआई कार्यकर्ताओं को जानकारी न देने के लिए मानसिक दबाव और धमकी का सहारा ले रहे हैं.
प्रेस वार्ता में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं होती है, तो आरटीआई कार्यकर्ता संघ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा. संघ ने यह भी कहा कि यदि कोई कार्यकर्ता गलत पाया जाता है तो संगठन उनका समर्थन नहीं करेगा, लेकिन ईमानदारी से सूचना मांगने वालों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. प्रेसवार्ता में झारखंड मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार किनू, संघ के उपाध्यक्ष सदन ठाकुर और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील मुर्मू भी उपस्थित थे. उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं यदि अनदेखी की जाती हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकती हैं.