तारीख पे तारीख वाला थाना बना कपाली

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

सरायकेला-खरसावां जिले का कपाली थाना अक्सर चर्चा में रहा है और बीते दिनों तो यहां के थानेदार सोनू कुमार नैशनल लेवल पर चर्चा में आए थे. जब जुगसलाई में एक फौजी की पिटाई हुई थी. इस मामले में जुगसलाई थानेदार समेत आधा दर्जन दरोगा सस्पेंड हुए हैं. वैसे सरायकेला जिला भी लापरवाही में कम चर्चित नहीं है. कल ही जिला के आदित्यपुर थाने में पूछताछ के नाम पर एक आरोपी की आत्महत्या के मामले में दो पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए हैं.

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खैर जिला में ये सब अब आम बातें हो चुकी हैं और हो भी क्यों न वरीय अधिकारियों की जानकारी में जो सभी मामले नहीं आते. ठीक वैसे ही जैसे कपाली के सफदर अली के दुकान में चोरी का मामला दबा दिया गया. फतेह लाईव को पीड़ित से प्राप्त जानकारी के अनुसार सफदर अली की दुकान में दीवार तोड़ कर चोरी कर ली‌ गई और ऐसा कोई पहली बार नहीं बल्कि चौथी बार हुआ है. अब सफदर अली ने थाने में शिकायत लिखकर दी तो थाना प्रभारी सोनू कुमार कहते हैं बार-बार हो रहा है तो सिक्योरिटी गार्ड रखें लेकिन सफदर इतना सक्षम नहीं कि वह सिक्योरिटी गार्ड रख लें.

अब अगर थाना प्रभारी ही खुद बोले कि बार-बार हो रहा है तो सिक्योरिटी गार्ड रख लें यानि दुकानदार अपने दुकानों की सुरक्षा अब खुद कर लें. मतलब साफ है कि पुलिस कुछ नहीं कर सकती है और दोबारा चोरी नहीं होगी, इसकी भी गारंटी नहीं दे रही है. अब सफदर अली का हाल ये हो गया है कि हम बोले-तो-बोले क्या और करें तो करें क्या?

जब फतेह लाईव द्वारा थाना प्रभारी से यह पूछा गया कि अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि दी गई शिकायत में सुधार करना है, लेकिन जब सफदर थाना पहुंचे तो मुंशी बोले बड़ा बाबू कुछ नहीं बोले. इस पर अब सफदर का साफ कहना है कि उनकी दुकान के पास नशेड़ी अड्डा मारते हैं और रात होते ही चहलकदमी बढ़ जाती है लेकिन हम मजबूर होकर देखते रहते हैं. कपाली में नशाखोरी और अपराधियों का अक्सर बोल-बाला रहा है, इसलिए आम आदमी ऐसे लोगों से उलझना सही नहीं समझते न ही रोक-टोक कर सकते हैं और थाना जाओ तो बड़ा बाबू बड़ा मंत्र समझाकर भेज देते हैं.

  • चार बार चोरी लेकिन NO F.I.R

सफदर बताते हैं कि वे 2019 में कपाली आए और इससे पहले 35 साल से जमशेदपुर के गोलमुरी में वर्कशॉप थी. जहां कभी एक कील भी चोरी नहीं हुई. वहीं 2021 में इस वर्कशॉप में लगातार तीन बार चोरियां हुई जिसमें डेढ़ लाख रुपए तक की मशीनरी चोरी होती रही. वे बताते हैं कि मई 2021 में एक बार और दिसंबर 2021 में दो बार चोरियां हुई लेकिन शिकायतों के बाद कभी भी कपाली थानेदारों ने कोई प्राथमिक दर्ज नहीं की. शायद चौथी बार हुई चोरी में भी उसी परंपरा को निभाया जा रहा है. वे कहते हैं यही हाल रहा तो यहां से मुझे हटने के सिवाय और कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है.

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