फतेह लाइव रिपोर्टर
पोटका प्रखंड अंतर्गत टांगराईन गांव में मांरग गोम्के जयपाल सिंह मुंडा की जयंती आदिवासी रीति रिवाज के मुताबिक धूमधाम से मनाई गई. 3 जनवरी 1903 को जन्मे जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता के साथ-साथ संविधान सभा के सदस्य, राजनीतिज्ञ व भारतीय हॉकी के जनक थे. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुंडा स्वशासन व्यवस्था के जिला सलाहकार नियारेन्ज हैरेन्ज ने कहा भारतीय संविधान को बनाने में जिन नायकों की भूमिका रही उनमें जयपाल सिंह मुंडा का विशिष्ट स्थान है. दलितों के उत्थान में जो भूमिका डॉक्टर अंबेडकर की रही आदिवासियों के उत्थान में वही भूमिका जयपाल सिंह मुंडा की रही. सेवानिवृत शिक्षक जयहरी सिंह मुंडा ने कहा संविधान सभा के सदस्य के पद पर रहकर इन्होंने आदिवासी शब्द को प्रतिष्ठित किया. संविधान सभा तथा बाद में देश के सभी सरकारों द्वारा जयपाल सिंह के द्वारा उठाए गए सवालों की अनदेखी का परिणाम है कि भारत का आदिवासी समुदाय संविधान द्वारा प्रदत्त वर्गीकरण से आज अलग-अलग प्रांत में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में चिन्हित होकर बिखर गया है. उनकी आदिवासी पहचान अस्मिता और लोकतंत्र से जुड़ी सभी चिंताएं आज सच साबित हो रही है.
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भारत के आजादी के पहले 1938 में इन्हीं के नेतृत्व पर आदिवासियों के हक की लड़ाई के लिए आदिवासी महासभा का गठन किया गया था. हॉकी में बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल ला कर भारत का नाम रोशन किया था. 1950 में झारखंड पार्टी का गठन किया और पहले ही विधानसभा चुनाव में 32 विधायक जीत कर एक इतिहास रचे. इसके उपरांत 1963 कांग्रेस झारखंड अलग राज्य देने का प्रलोभन देकर झारखंड पार्टी को कांग्रेस में विलय करवा दिए. इस तरह कांग्रेस जयपाल सिंह मुंडा के साथ बहुत बड़ा धोखा किया. हमारे गांव में हमारा राज, गांव गणराज इन्हीं का नारा है. जयंती समारोह में सभी महिलाएं प्राकृतिक वेशभूषा में उपस्थित होकर नृत्य करते हुए देखे गए.
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कार्यक्रम का संचालन सेवा प्राप्त बीएसएफ के अधिकारी सह मुंडा स्वशासन व्यवस्था के प्रखंड अध्यक्ष माधव सिंह मुंडा ने किया. मौके पर मुंडा स्वशासन व्यवस्था के जिला सलाहकार नियारेन्ज हैरेन्ज, जिला सचिव बावरी मुंडा, सलाहकार जयहरी सिंह मुंडा, समाजसेवी रविंद्र नाथ सरदार, हातु मुंडा, बंकिम मुंडा, धीरेन मुंडा, विमल मुंडा, गोपीनाथ मुंडा, दामोदर सिंह, शिवनाथ सिंह, लक्षण मुंडारी, गोरा मुंडा, जून मुंडा, मोतीलाल मुंडा, जितेन मुंडा, अजय मुंडा, राजेंद्र मुंडा, रामेश्वर मुंडा, अजय कनगाडीह अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व मुखिया राजा राम मुंडा, प्रणब सिंह मुंडा, बन बिहारी सिंह मुंडा, बबलू सिंह मुंडा, मुग्न्नी सिंह मुंडा, मोहन सिंह मुंडा आदि की मुख्य भूमिका रही.