- 1965 के रण ऑफ कच्छ संघर्ष की बहादुरी को किया गया याद
फतेह लाइव, रिपोर्टर
154वीं बटालियन सीआरपीएफ ने शौर्य दिवस मनाया. यह दिन भारतीय सेना और सीआरपीएफ के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि 09 अप्रैल 1965 को पाकिस्तानी सेना की इन्फेंट्री ब्रिगेड ने रण ऑफ कच्छ (गुजरात) में भारतीय सीमा पर स्थित सरदार एवं टाक पोस्ट पर तैनात सीआरपीएफ की 02वीं बटालियन की 02 कम्पनियों पर आक्रमण किया था. हालांकि, सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुरी से पाकिस्तानी सेना का प्रतिरोध किया और आक्रमण को निष्फल किया. इस संघर्ष में 34 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 04 को जीवित पकड़ा गया. वहीं, 08 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए और 19 को बंदी बना लिया गया. इस संघर्ष को भारतीय मिलिट्री इतिहास में एक अद्वितीय उदाहरण के रूप में माना जाता है.
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सीआरपीएफ जवानों की वीरता को सलाम
इस अवसर पर धनबाद और गिरिडीह जिले में तैनात 154 बटालियन के जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीदों की याद में वाहिनी के कमांडेंट सुनील दत्त त्रिपाठी, द्वितीय कमान अधिकारी राजेश कुमार सिंह, उप कमाण्डेन्ट बिनीता कुमारी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. हर्ष झा और अन्य जवान उपस्थित रहे. संध्या समय खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. इसके अतिरिक्त, जवानों के लिए बड़े खाने का आयोजन भी किया गया. इस प्रकार, शौर्य दिवस को गरिमापूर्ण तरीके से मनाया गया, जिसमें जवानों के साहस और वीरता को श्रद्धांजलि दी गई.