आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली प्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजित कर सत्ता पर कब्जा कर लिया. कांग्रेस पार्टी बहुत पहले ही अरविंद केजरीवाल को पहचान लिया था. यह भाजपा की बी डिवीजन टीम है. इसी कारण से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली प्रदेश चुनाव में गठबंधन नहीं बन सका. नतीजा सबके सामने है. भाजपा को लाभ हुआ और चुनाव जीत लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली चुनाव में जो जो वादे किए थे. उन्हें पूरा करना चाहिए. दिल्ली में रामराज लाने की बात थी. गैस सिलेंडर ₹500 में देना है. जमुना की सफाई करना है वगैरह. जो भी वादे भाजपा की ओर से किये गए. उसे पूरा होना चाहिए. चुनावी जुमला नहीं होना चाहिए.
केजरीवाल को तो उसकी सजा मिल गई. पता चला कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए दिल्ली पंजाब गुजरात राजस्थान हरियाणा में काम कर रहा था. ऐसे और भी बहुत से पार्टी और नेता है दिखावे के लिए मोदी विरोधी है और अंदर ही अंदर मोदी के पैसे पर राजनीति करते हैं और भाजपा को लाभ पहुंचाते हैं. समाजवादी चिंतक और शहर अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने दिल्ली के चुनाव परिणाम के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के और मनमोहन सरकार के खिलाफ भाजपा के फंडिंग से अन्ना हजारे रामदेव बाबा केजरीवाल किरण बेदी बीके सिंह आदि ने आंदोलन चलाया था और इसका असर भी हुआ, मनमोहन सरकार चली गई. उसके बाद ही केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नाम से राजनीतिक दल बनाया और गुपचुप से भाजपा से मदद लेकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाते रहा. इसकी जानकारी कांग्रेस नेतृत्व को भी थी और दिल्ली के जाने-माने पत्रकार भी यह बात जानते थे. जैसे ही भाजपा को लगा कि मेरी बिल्ली मेरे को ही म्याऊं म्याऊं, इसीलिए कहा जा रहा है इस बार दिल्ली प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की टीम ने अपनी बी टीम को हरा दिया.