- एक्सएलआरआइ में एआई कॉन्क्लेव ‘मनकृति‘ का सफल आयोजन
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के असर पर गहन चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
एक्सएलआरआइ (XLRI) में पहली बार एआइ कॉन्क्लेव ‘मनकृति’ का आयोजन किया गया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के आने से इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस कॉन्क्लेव का आयोजन पीजीडीएम (जीएम) एआइ नेक्सस क्लब द्वारा किया गया था, और इसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, और एआइ विशेषज्ञों ने भाग लिया. उद्घाटन सत्र में एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर डॉ. (फादर) एस. जॉर्ज और डॉ. संजय के. पात्रो ने अपने विचार रखे. फादर जॉर्ज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक पक्ष और जिम्मेदार नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि एआइ ने न केवल व्यापार, बल्कि हर क्षेत्र में सुविधाओं को बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियां भी उत्पन्न हुई हैं. वहीं, प्रोफेसर पात्रो ने एआइ के सकारात्मक और नैतिक उपयोग की आवश्यकता को उजागर किया और इसके साथ तालमेल बिठाने के महत्व पर जोर दिया.
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एआइ के व्यवसायिक रणनीति और नैतिक प्रैक्टिस पर गहन चर्चा
कॉन्क्लेव के पहले सत्र का आयोजन ‘एआइ और भविष्य की नौकरियां: नई भूमिकाएं और कौशल’ पर आधारित था. इस सत्र का संचालन जेआरडी टाटा फाउंडेशन ऑन बिजनेस एथिक्स के अध्यक्ष डॉ. (फादर) कुरुविला जोसेफ पंडिकट्टू ने किया. पैनलिस्टों ने एआइ के कारण कार्यस्थल में होने वाले परिवर्तनों, एथिकल एआइ मैनेजमेंट और भविष्य के रोजगार बाजार पर विचार-विमर्श किया. श्रीवत्स सुब्बन्ना (सीनियर वीपी, एक्सिस बैंक) ने बताया कि बैंक के जेनरेटिव एआइ चैटबॉट और अन्य तकनीकों ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाया है. वहीं, ममता अग्रवाल रजनायक (वीपी, अमेरिकन एक्सप्रेस) ने कार्यस्थल में इमोशनल और एथिकल इंटेलिजेंस की भूमिका पर चर्चा की. इसके अलावा, देबयान नाग (एसोसिएट डायरेक्टर, पीडब्ल्यूसी इंडिया) ने एआइ के नैतिक और स्केलेबल विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता जताई.
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कार्यस्थल और भविष्य के रोजगार पर एआइ के प्रभाव पर विशेषज्ञों का विचार
दूसरे सत्र का विषय ‘व्यवसाय में एआइ: रणनीतिक परिवर्तन’ था, जिसका संचालन पीजीडीएम-जीएम के छात्र राहुल रत्नम ने किया. इस सत्र में एआइ के व्यावसायिक अनुप्रयोगों और रणनीतिक नेतृत्व पर चर्चा हुई. शंकरसन मुखर्जी (डायरेक्टर, पीडब्ल्यूसी इंडिया) ने कहा कि एआइ को उपयोग-मामलों के आधार पर अपनाना चाहिए. वहीं, ऐनी ग्रेस (डायरेक्टर, वेरिजॉन) ने एआइ समाधानों को व्यावसायिक लक्ष्यों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. अमर कुमार (प्रिंसिपल डेटा साइंटिस्ट, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया) ने “सीखें और आगे बढ़ें” की मानसिकता अपनाने की सलाह दी, जबकि डॉ. अमित सचान (वीपी, जियो) ने एआइ-आधारित निजीकरण से उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर प्रकाश डाला. रमाकांत पाणिग्रही (हेड, ऑटोमेशन, एटोस) ने एआइ-ड्रिवन ऑटोमेशन के व्यावसायिक फायदों पर चर्चा की, और रोहित पन्नूस (सीनियर डायरेक्टर, डेटा साइंसेज, टारगेट इंडिया) ने बताया कि एआइ-आधारित मूल्य निर्धारण रणनीतियां खुदरा क्षेत्र में ग्राहक मूल्य और मुनाफा बढ़ाने में मदद कर रही हैं.