- एक्सएलआरआइ में पहली बार आयोजित किए गए आध्यात्मिक सम्मेलन का हुआ समापन
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआइ में पहली बार आयोजित स्पिरिचुअलिटी कॉन्क्लेव 2025 का समापन हुआ, जो कॉर्पोरेट जगत में आध्यात्मिकता के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था. इस कॉन्क्लेव का आयोजन एक्सएलआरआइ के सेंटर फॉर स्पिरिचुअलिटी द्वारा किया गया, जिसमें वियना, स्विट्जरलैंड, मकाऊ और गोजो, माल्टा जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थानों के प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग प्राप्त था. सम्मेलन का उद्देश्य था कि कैसे आध्यात्मिकता और व्यावसायिक नैतिकता एक साथ मिलकर एक संतुलित और टिकाऊ कॉर्पोरेट वातावरण का निर्माण कर सकते हैं. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. फादर सोमी एम मैथ्यू, डॉ. फादर मरियनस कुजूर और सुश्री आरती शर्मा शामिल थीं, जिन्होंने अपने विचार साझा किए और आध्यात्मिकता को आधुनिक कॉर्पोरेट क्षेत्र में लागू करने के तरीकों पर चर्चा की.
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‘आध्यात्मिकता और कॉर्पोरेट नैतिकता‘
इस सम्मेलन में विशेष रूप से यह बात सामने आई कि आध्यात्मिकता केवल भौतिक दुनिया से दूर जाने का नहीं, बल्कि इसे अधिक अर्थपूर्ण और नैतिक रूप से अपनाने का अवसर है. द कोका-कोला कंपनी की सीनियर डायरेक्टर आरती शर्मा ने कहा कि व्यवसाय में आध्यात्मिकता का समावेश सफलता को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समाज और संगठन पर स्थायी सकारात्मक प्रभाव डालने के रूप में पुनर्परिभाषित करता है. उन्होंने यह भी बताया कि लाभ की अंधाधुंध खोज व्यवसायों को नैतिक और सामाजिक दायित्वों से दूर कर सकती है, और इसे रोकने के लिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है. आरती शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि व्यवसाय में माइंडफुलनेस, सहानुभूति और नैतिक चेतना आधुनिक नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुण हैं, जो किसी भी संगठन को सफलता की नई दिशा दे सकते हैं.
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‘आध्यात्मिक दृष्टिकोण से नैतिक निर्णय‘
कॉन्क्लेव के अंतर्गत तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया, जो व्यवसायों में आध्यात्मिकता को एकीकृत करने में सहायक हो सकते हैं. पहले पहलू में नेतृत्व में प्रामाणिकता की बात की गई, जिसमें बताया गया कि सच्चा नेतृत्व आत्म-जागरूकता से आता है, जिससे नेता नैतिक मूल्यों के अनुरूप कार्य करते हैं. दूसरे पहलू में सहानुभूति और मानव-केंद्रित निर्णय लेने की बात की गई, जिसके माध्यम से संगठन में प्रेरित और जुड़ी हुई टीमों का निर्माण किया जा सकता है. तीसरे पहलू में माइंडफुलनेस के माध्यम से संकल्प शक्ति की आवश्यकता बताई गई, जो अस्थिरता और अनिश्चितता से भरे इस संसार में नेतृत्व को संतुलित बनाए रखने में सहायक हो सकती है. इस सम्मेलन में कुल 30 पेपर प्रस्तुत किए गए, जो आध्यात्मिकता और कॉर्पोरेट जगत के संबंध में विभिन्न दृष्टिकोणों को प्रस्तुत करते हैं.