फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर में वाटिका कंस्ट्रक्शन्स प्रा. लि. ने जमशेदपुर और रांची के असंख्य ग्राहकों एवं निवेशकों के साथ धोखा कर करोड़ों रुपए बटोर लिए और अब उसके कर्ता-धर्ता अजय अग्रवाल पूरे परिवार के साथ पलायन कर गए हैं. इस बिल्डर कंपनी ने पूर्व में हुए नौलखा अपार्टमेंट, सोनारी के रोहित सिंह के कारनामों को पीछे छोड़ दिया है. ग्रीन वाटिका कंस्ट्रक्शन्स प्रा. लि. में जमशेदपुर से पैसा लगाने वाले कुछ प्रमुख लोगों ने बताया कि किसी के साथ चार करोड़ रुपए तो किसी के साथ एक करोड़ तक का निवेश लिया गया और आज कल करते हुए प्रोमोटर जमशेदपुर से घर-परिवार समेत कर भाग निकला.

ऐसे कितने लोग ठगे गए उनकी संख्या जांच के बाद ही पता चलेगी. ग्रीन वाटिका कंपनी में अजय अग्रवाल के अलावे सोनम अग्रवाल, राजेश अग्रवाल एवं सुमित्रा अग्रवाल निदेशक हैं. अजय अग्रवाल प्रमुख कर्ताधर्ता रहे. इनका कार्यालय उमेश टावर, आदित्यपुर तथा नामकुम रांची में खुला. आदित्यपुर, गम्हरिया और रांची में इस कंपनी ने हाउसिंग के लिए प्रोजेक्ट शुरु किए. पिछले दस-पन्द्रह वर्षों से यह कंपनी डेवलपर और बिल्डर का काम कर रही थी. स्थानीय स्तर पर सामाजिक और इन्डस्ट्रीयल क्षेत्र में जाने पहचाने एक बड़े नाम का भी अजय अग्रवाल को लाभ मिला.

उस बड़े नाम वाले व्यक्ति का वह भतीजा है. अजय अग्रवाल के पिता रमेश अग्रवाल, भाई विजय अग्रवाल, साला गौरव अग्रवाल आदि इस कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े रहे. आज उनके पिता रमेश अग्रवाल भी कोई जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं. वह भी जमशेदपुर से निकल गए हैं. ग्राहकों और निवेशकों को अजय अग्रवाल ने भांति-भांति से झांसे में लिया है. किसी को उन्होंने निवेश की रकम के बतौर जमानत बैंक चेक दिया तो किसी के साथ प्रस्तावित फ्लैट या निर्मित फ्लैट का एग्रीमेंट किया. अब खुलासा हो रहा है कि एक फ्लैट पर एक से अधिक लोगों के साथ एग्रीमेंट किया. ऐसे लोग एग्रीमेंट लेकर घूम रहे हैं. ग्राहकों और निवेशकों में निर्मित फ्लैटों पर ताला मारने की रेस लग गयी. कहीं-कहीं एक-एक फ्लैट पर अनेक ताले लगा दिए गए हैं.

ग्राहकों ने बताया कि अजय अग्रवाल बड़ी चालाकी से अभी कुछ दिन पहले रांची में चुपचाप पहुंचे थे और कुछ फ्लैटों की सेल रजिस्ट्री कर दी. सूत्रों से पता चला कि कंपनी के बैंक एकाउंट से पैसे निकासी कर अपने किसी परिजन के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर भी किया. इन लोगों को पता चला है कि अजय अग्रवाल इम्फाल में बैठा हुआ है. अनुमान है कि बीबी- बच्चों को वहीं ले गया है. जमशेदपुर में अपने साला गौरव अग्रवाल से संपर्क में रहता है. पिछले कुछ महीनों तक वह देनदारों का फोन उठाता रहा और कुछ न कुछ बोल कर आने का बहाना बनाता रहा. अब फोन बंद आता है.

उक्त लोगों का अनुमान है कि 25-30 करोड़ से अधिक रुपए इस प्रकार धोखा कर अजय अग्रवाल ने बटोर लिए. ये लोग अब पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कर ग्रीन वाटिका कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. और उसके निदेशकों और अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े परिवारजनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु करेंगे. लोगों को अब एक ही रास्ता दिख रहा जब पुलिस वारंट लेकर उसे जेल में डाले और अदालत के आदेश पर रिकवरी हो. रोहित सिंह की तरह जांच में सामने आएगा कि वास्तविक रुप में कितनी राशि कितने लोगों से वसूल कर उसने इस प्रकार ठगी की है. अभी तक घटनाक्रम को लोग व्यापार में उतार चढ़ाव समझ रहे थे, लेकिन जब अजय अग्रवाल ने फ़ोन बंद कर दिया, आदित्यपुर स्थित हातिल बिल्डिंग में अपने फ्लैट में ताला लगा कर पूरे परिवार के साथ भाग गया. तब सबका दिमाग़ चकराया और इसे सोची समझी आपराधिक चाल मानकर कानूनी रास्ता ढूंढने में लग गए हैं. वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक एक हिंदूवादी नेता को भी चूना लगाया है. उस नेता से 20 फीसदी के हिसाब से बड़ी रकम ली थी.

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