फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे के बुधवार को जारी किये गए बयान कि शैलेन्द्र सिंह और आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़े गुरचरण सिंह बिल्ला के कारण इंडी प्रत्याशी समीर मोहंती की लोकसभा चुनाव में करारी हार हुई. इस पर पलटवार करते हुए बिल्ला ने मुखे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बिल्ला ने कहा कि पूर्व प्रधान ने सीजीपीसी का प्रधान रहते हुए न्याय लेने आई अबला महिला का शारीरिक शोषण किया.
उस मामले में 10-12 महीने जेल पर रहा और जमानत पर छूट कर बाहर आया है. प्रधान रहते हुए मुखे ने मुझपर शूटरों से हत्या की नियत से गोलियां चलवाई. बिल्ला ने कहा कि हम कौम के साथ खड़े हैं और हर समय खड़े रहेंगे. पंजाब के उस वक्त के हालत में जो मुझपर केस हुआ था उससे मैं बरी हो चुका हूं और 22 सालों से अच्छे नागरिक की तरह रह रहा हूं. उस वक्त पंजाब में किसी को खाना खिलाने, रास्ता बताने पर भी झूठे मुकाबले में मार दिया जाता था या तो जेल भेज दिया जाता था.
किसी से मुझे सर्टिफिकेट लेने की जरुरत नहीं. मुखे अपने गिरेबान में झांके कि उन्होंने कितने कुकर्म किये हैं. 14 से ज्यादा आपराधिक मामले मेरे ऊपर नहीं बल्कि मुखे पर दर्ज हैं. मेरी हत्या करवाने वाले शूटरों को सीजीपीसी के दफ्तर में पनाह दी गई. पगड़ी में गोलियां छिपाकर मुखे रखता था. बिल्ला ने कहा कि मुखे जैसे लोगों से क्या बात करनी, जिसका कोई स्टैंड नहीं है. बिन पेंदी का लोटा है गुरमुख सिंह मुखे. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के साथ खुद नॉमिनेशन में मंच पर बैठा था और आज विद्युत महतो को जीत की बधाई दे रहा है.
बिल्ला ने कहा कि मुखे को जानकारी नहीं है कि मुझे आर्म्स एक्ट का केस लगाया गया था न कि किसी मुख्यमंत्री की हत्या का. बिल्ला ने कहा कि पंजाब में जो केस हुआ था वह ख़त्म हो चुका है और इसका उन्हें कोई पछतावा नहीं है. बिल्ला ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मुखे का नामदाबस्ती गुरुद्वारा में विरोध हुआ था. मैंने और सुखविंदर राजू ने उसे मंच पर चढ़ने नहीं दिया था. उसी द्वेष से उलूल जुलूल बयानबाजी कर रहे हैं. मुखे को जमशेदपुर में सिख समाज ने उनके कुकर्मो के कारण नकार दिया है. वह किसी गुरुद्वारा में जा नहीं सकता. यह बात उसे पच नहीं रही है.