फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कॉंग्रेस के नेता और जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के स्वघोषित उम्मीदवार डा॰ अजय कुमार इन्द्रा नगर- कल्याण नगर की बस्तियों का घर तोड़ने की नोटिस और एनजीटी मुक़दमा के बारे में फ़रेब कर रहे हैं और सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं. उन्हेंने कहा कि डॉ॰ अजय कुमार ने आज प्रेस को बताया कि एनजीटी में इन्द्रा नगर- कल्याण नगर के घरों को तोड़ने का आदेश वाला मुक़दमा अर्जुन मुंडा के पत्र के कारण शुरू हुआ है. अजय जी से हमारी माँग है कि वे अर्जुन मुंडा का यह पत्र प्रेस को जारी करें या ग़लतबयानी के लिए माफ़ी माँगे.
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वहीं, एनजीटी ने यह मुक़दमा स्वयं (suo moto) शुरू किया है. यह मुक़दमा के हर आदेश पर लिखा हुआ है. फिर पढ़े लिखे और टाटा सहित अन्य कॉर्पोरेट घरानों में नौकरी कर चुके डॉ॰ अजय कुमार, अर्जुन मुंडा को किस आधार पर लपेट रहे हैं. बीते कल मुक़दमा की सुनवाई करते हुए एनजीटी की कोलकाता बेंच ने कहा है कि इन्द्रा नगर-कल्याण नगर के घरों को तोड़ने की नोटिस का उनके पास चल रहे मुक़दमे से कोई संबंध नहीं है. एनजीटी कोर्ट में यह बहस सुनने कल इन्द्रा नगर-कल्याण नगर के क़रीब 50 लोग कोलकाता गए थे. सभी ने सत्य सुना है, फिर डॉ॰ अजय कुमार ग़लतबयानी और फ़रेब क्यों कर रहे हैं.
सरयू राय को क्रेडिट लेने वाला बताने वाले डॉ॰ अजय कुमार बताएँ कि जब इन बस्तियों के घरों को तोड़ने की नोटिस मिली तो सबसे पहले बस्तीवासियों की तकलीफ़ जानने बस्ती में कौन गया था, सरयू राय गये थे या अजय कुमार गये थे? सर्वविदित है कि बस्तियों में जाकर यह मुद्दा पहले सरयू राय ने उठाया, उसके बाद पीछे पीछे अजय कुमार गये. तब किर्डिटजीवी कौन है सरयू राय या अजय कुमार.
अजय कुमार की पार्टी की सरकार झारखंड में चल रही है. उन्हें अपनी सरकार के मुख्यमंत्री, जमशेदपुर से मंत्री और मुख्य सचिव से बात कर बस्तियों को तोड़ने की जमशेदपुर अंचल अधिकारी की नोटिस को वापस करा दें या स्थगित करा दे, सारा झमेला ही ख़त्म हो जाएगा. डा॰ अजय कुमार की सरकार के जमशेदपुर वाले मंत्री इस मामले में चुप है. उनकी सरकार के अफ़सर घर तोड़ने की नोटिस दे रहे हैं. उनकी सरकार के मुख्य सचिव कुछ नहीं कर रहे हैं. अजय कुमार जी इन पर दबाव बनाने के बदले प्रेस कॉंफ़्रेंस कर अर्जुन मुंडा और सरयू राय को कोस रहे हैं.
जमशेदपुर की जनता सब जानती समझती है. अजय कुमार को भी जानती है और कॉंग्रेस को भी. डा॰ अजय कुमार फ़रेब करना छोड़ दें. या तो अर्जुन मुंडा का कथित पत्र जारी करें या सार्वजनिक माफ़ी माँगे. वे बताएँ कि बस्तियों के घरों को तोड़ने की नोटिस मिली तो बस्तीवासियों से मिलने पहले कौन गया, वे गए या सरयू राय गए. आज प्रेस कांफ्रेंस में डा॰ अजय कुमार का बयान झूठ और फ़रेब का पुलिन्दा है.