फतेह लाइव, रिपोर्टर।

टाटानगर रेलवे स्टेशन से एक साल पहले एक बच्चा चोरी होने के मामले का उदभेदन करने में नाकाम चक्रधरपुर मंडल रेल पुलिस प्रशासन की कार्यशैली एक बार फिर सुर्खियों में बनी है. ताजा मामला टाटानगर स्टेशन का ही है जहां से एक 20 वर्षीय युवक तीन दिनों से गायब है. वह भी तब जब वह रेल पुलिस के हाथ लग गया था. उसके बाद भी पुलिस ने उसकी केयर नहीं की, जिसके कारण वह मुंबई की ट्रेन में चढ़ गया और उसके बाद कोई पता नहीं चला. अब उसकी मां टाटानगर स्टेशन में आरक्षण केंद्र के बाहर पिछले 24 घंटे से बैठी है. उसका रो-रो कर बुरा हाल है. रेल थाना से लेकर आरपीएफ पोस्ट में उसकी सुनी नहीं जा रही है. मां को जवाब दिया जा रहा है कि वह क्या कर सकते हैं. ऐसे में मां की परेशानी बढ़ गई है. उसका छोटा बेटा साथ में है.14 साल पहले पति का देहांत हो चुका है. यह घटना रेल पुलिस प्रशासन के अमानवीय चेहरा को उजागर करती है. इस संबंध में जीआरपी थाना प्रभारी को जानकारी लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया.

यह है मामला

पीड़ित मां संजू देवी ने फतेह लाइव के संवाददाता को बताया कि उसका बेटा मुकेश चौधरी राउरकेला में काम करता है. 9 सितम्बर की सुबह वह साउथ बिहार ट्रेन से टाटानगर आया था. टाटानगर से पुलिस वाले ने फोन कर बताया कि वह हमारे पास है. आप आकर ले जा सकते हैं. उसके बाद वह रविवार 10 सितम्बर की शाम टाटानगर पहुंची, लेकिन बेटा नहीं मिला. पुलिस ने सीसीटीवी दिखाए और उसके बाद नंबर लेकर यह कह दिया कि वह क्या कर सकते हैं.

लापता युवक मुकेश चौधरी

पीड़ित मां सिवान जिला के मियां का भटकन गांव थाना आदर की रहने वाली है. यहां आने पर संजू देवी ने स्टेशन के बाहर पूछताछ की तो पता चला कि युवक को देखा गया था. रेल थाना में उसे कपड़े भी दिए गए. स्टेशन के बाहर होटल में खाना खाते हुए ऑटो वालों ने उसका वीडियो भी बनाया. रविवार शाम पांच बजे के बाद से वह नहीं दिखा. संभवता वह मुंबई जाने वाली गीतांजलि ट्रेन में चढ़ गया होगा. उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है. सोमवार सुबह पटना की ट्रेन उदघाटन के दौरान मां ने सांसद से मिलकर गुहार लगाने की कोशिश भी की, लेकिन उसे पुलिस वालों ने भगा दिया. बहरहाल, मामला साफ तौर पर यह साबित करता है कि पुलिस की सुस्त कार्रवाई से युवक कहीं चला गया है. अब उसकी खोजबीन करने से पुलिस कतरा रही है.

जिला कांग्रेस आरटीआई विभाग के चेयरमैन कमलेश कुमार ने भी मामले को लेकर रेल पुलिस प्रशासन पर उंगली उठाई है. उन्होंने कहा कि पुलिस को महिला की हालत पर तरस क्यों नहीं आता है. पुलिस पहले स्टेशन से चोरी हुए एक बच्चे को ढूंढ नहीं सकी है और फिर अब इस तरह की लापरवाही की जा रही है. पुलिस अपना काम नहीं कर रही है. केवल स्टेशन के अंदर और बाहर अवैध धंधों में संलिप्त है. चाईबासा स्टेंड से कभी दुकान हटाती है कभी लगाती है. अपराध पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है. वह महिला के साथ रेल एसपी को शिकायत करेंगे और आरपीएफ के वरीय अधिकारियों तक भी मामला पहुंचाएंगे.

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