फतेह लाइव, रिपोर्टर।

शुक्रवार को एक्सएलआरआइ में 10 वें डॉ वर्गिस कुरियन मेमोरियल ऑरेशन का आयोजन किया गया. इस दौरान दुग्ध क्रांति के जनक डॉ वर्गिस कुरियन को जहां याद किया गया, वहीं भारत में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से सबल बनाने की दिशा में डॉ कुरियन द्वारा किये गये कार्यों से सभी को अवगत भी कराया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में रिन्यू की को-फाउंडर सह सस्टेनेबिलिटी की चेयरपर्सन वैशाली निगम सिन्हा उपस्थित थीं. उन्होंने एक्सलर्स को संबोधित करते हुए सोशल इंटरप्रेन्योर की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि अब ग्लोबल वार्मिंग कोई सामाजिक या सैद्धांतिक मुद्दा नहीं है. साथ ही यह अब यह वह विचार नहीं है जिसके बारे में हम अब सम्मेलनों में बात करते हैं. बल्कि अब यह एक क्षेत्र है, जिस पर लोग मिल कर काम कर रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग से निबटने के लिए तरह-तरह के मॉडल पेश किया जा रहा है.

इस दौरान उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताया. जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा सामाजिक आर्थिक प्रभाव है. वर्ष 2050 तक 35 मिलियन भारतीयों को तटीय बाढ़ का सामना करना पड़ेगा, जबकि सदी के अंत तक यह संख्या बढ़कर 40-50 मिलियन हो जाएगी. सुश्री सिन्हा ने कहा कि छोटे-छोटे बदलाव कर ग्लोबल वार्मिंग के लिए सकारात्मक दिशा में बड़ा प्रभावकारी कार्य किया जा सकता है. इस दौरान वैशाली निगम सिन्हा ने एक्सएलआरआइ द्वारा सोशल इंटरप्रेन्योर की दिशा में किये जाने वाले कार्यों की सराहना भी की गयी. इस अवसर पर डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज ने जहां डॉ वर्गिस कुरियन द्वारा देश हित में किये जाने वाले कार्यों को याद किया वहीं उनके द्वारा किये गये कार्यों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. मौके पर फादर एरूपे सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी के चेयरपर्सन डॉ एल टाटा रघुराम ने भी एक्सएलआरआइ द्वारा सामाजिक क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version