शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आँसू गैस के गोले पानी की बौछारें करना मानवाधिकार का उलंघन
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
देश का अन्नदाता आज अपनी माँगो के लिए सड़कों पर धरना देने के लिए मजबूर है इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि हरित क्रांति के नाम पर देश का पेट भरने वाले वाले किसानों ने ज़मीन के नीचे का पानी निकाल निकाल कर अपनी ज़मीन भी ख़राब कर लिया, पर केंद्र सरकार इसका कोई महत्व नहीं दे रही है.
आज किसानों को फसलों का सही दाम लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. चुनाव के दौरान पार्टियां स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने का वादा करती है, पर जब भी इनकी सरकार बनती है. वे इस रिपोर्ट को लागू करने से मुकर जाती हैं.
एम एस पी समेत अपनी 12 मांगो को लेकर किसान पिछले दस महीने से ज़्यादा समय से धरने पर बैठे हैं, परंतु केंद्र सरकार इसका हल निकालने के लिए गंभीर नहीं है. प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आँसू गैस के गोले पानी की बौछारें कर मानवाधिकार का उलंघन केंद्र सरकार कर रही है. सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से बात कर इसका हल निकालना चाहिए।