शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करेगी सहयोग
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर जी एवं उनके तीन शिष्य भाई सती दास, भाई मती दास और भाई दयाला जी की शहादत के 350 साल पूरे होने के उपलक्ष में सिख समुदाय इस गौरव दिवस के रूप में मनाएगा।
31 अगस्त को श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब से एक विशाल आध्यात्मिक शहीदी जागृति यात्रा निकाली जाएगी जो बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से होते हुए दिल्ली गुरुद्वारा शीशगंज साहिब पहुंचेगी जहां 24 नवंबर 1675 ईस्वी में गुरु तेग बहादुर एवं उनके शिष्यों को मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर शहीद किया गया था। इसके माध्यम से पूरे देश भर में गुरु तेग बहादुर जी के संदेशों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। भारत की विविधता में एकता, राष्ट्रीयता, राष्ट्रवाद, का संदेश भी दिया जाएगा।
गुरु नानक गर्ल्स हाई स्कूल के पूर्व सचिव अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार इसकी तैयारी एवं सहयोग तथा मार्गदर्शन के लिए तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकाल तख्त साहब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज, सिख संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी, वरीय उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनन, सचिव हरभजन सिंह, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह जी कालका एवं महासचिव सरदार जगदीप सिंह जी काहलो से अमृतसर एवं दिल्ली में मुलाकात की। चंडीगढ़ में भी सिख समाज के महान संतों से भी मुलाकात की और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।
इधर महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मुंबई के सरदार जसवीर सिंह धाम के साथ बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल का सघन दौरा कर सिख संगत को इससे जुड़ने के लिए आह्वान करेंगे।
उनके अनुसार कोल्हान की संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, चेयरमैन गुरमीत सिंह तोते एवं उनकी पूरी टीम के साथ साथ झारखंड बिहार बंगाल के सिख संस्थाओं, सिंह सभाओं और जत्थेबंदियों के साथ बैठक कर कौम की चढ़दी कला एवं समाज की एकता तथा उत्थान का संदेश देंगे।
उनके अनुसार सीजीपीसी जमशेदपुर की बैठक में सारी जानकारी दी जाएगी। सरदार भगवान सिंह तथा उनकी टीम को पश्चिम बंगाल तथा झारखंड के सभी सिखों को जोड़ने तथा यात्रा को सफल बनाने का महत्वपूर्ण कार्य दिया जाएगा।