फतेह लाइव, रिपोर्टर.

   

जमशेदपुर से फतेह लाइव में शुरु हुए एक चटकदार कॉलम की खबर पर एक समाज के भीतर चल रही खींचतान को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. उस खबर में शनिवार को घटित एक घटनाक्रम को बिना किसी का नाम लिए प्रकाशित किया गया था, जिसका शीर्षक था “पूर्व मुखिया की केहुनी एक स्वयंभू नेता को लगी, भूत थाली छोड़कर हुए रेस”.

यह चटकदार खबर चलने के बाद एक समाज प्रमुख के बॉडी बिल्डर ने * फतेह लाइव के संपादक को मैसेज कर जहां धमकी दी. वहीं एक 95 मामले में स्वयं के शामिल होने की बात को भी स्वीकार किया और गर्व से बताया कि हां उस केस में मैं ही था.

 

दूसरी ओर, जिस स्वयंभू नेता को केहूनी लगने की बात लिखी गई है. उसे भी कमजोर बताया. यह मैसेज एक सार्वजनिक ग्रुप में डाला गया था, जिसे कई लोगों ने भी पढ़ा. वह गुरमुखी भाषा में लिखा गया था. यह मैसेज देखकर विरोधी खेमे खूब खिल्ली उड़ा रहे हैं कि स्वयंभू नेता की कदर उनकी टीम में क्या है. उसे कमजोर बोला जा रहा है. साथ ही विरोधी खेमे के एक नेता को भी चुनौती दी गई है.

बहरहाल, कुछ मामले को लेकर अब यह समाज के नेता का हाल खिसयाई बिल्ली खम्भा नोचे वाली कहावत को भी थोड़े उलट कर रहा है. यह कहावत फिट बैठने लगी है खिसयाई बिल्ली व्हाट्सअप खेले. इससे तात्पर्य है कि उनकी पोल खोलने के अभियान में लगे व्यक्ति को दो-तीन ग्रुप से रिमूव कर दिया गया है. इसके बाद किसी अन्य ग्रुप से रिमूव करने का ऑप्शन भी नहीं है. जिससे यह खेल भी समाप्त हो गया है, जबकि सामने वाले के पास सैकड़ों ग्रुप बरकरार बचे हुए हैं.

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