विपक्षी खेमे ने बैठक कर उठाया मामला, कहा हमारे कार्यकाल में इस्तीफा दिया गया था ना की उन्हें हटाया गया था

फतेह लाइव, रिपोर्टर।

सोनारी गुरुद्वारा में पिछले दिनों ट्रस्टियों को बहाल किये जाने को लेकर विपक्षी खेमा एक बार फिर सक्रिय हुआ है. सोनारी वेस्ट रोड नंबर सात में विरोधी गुट ने जुटान कर विचार विमर्श किया और ट्रस्टियों के मामले में विरोध किया गया. प्रधान तारा सिंह के भाई और गत चुनाव में उनके प्रतिद्वन्दवी उम्मीदवार बलबीर सिंह ने कहा की प्रधान तारा सिंह ने ट्रस्ट में जिन दो लोगों को शामिल किया है. उनमें एक हरभजन सिंह 2006 से सोनारी में तो नहीं रह रहे हैं. उनका निवास भी नहीं है. 2012 से जो वोटर लिस्ट बन रही है उसमें उनका नाम भी नहीं है. वहीं एक अन्य गगन सिंह विरदी 40 वर्षीय को ट्रस्टी बनाया गया है, जो साबत सूरत नहीं है. यह सीधे तौर पर सिख मर्यादा का उल्लंघन है.

बलबीर सिंह ने कहा की गुरुद्वारा साहेब का संविधान जो कि निबंधित है. ऐसे में उसकी अवहेलना कमेटी द्वारा की गई है. इसके साथ ही ट्रस्टी बनाने से पहले एजीएम बुलाया गया ना ही संविधान में संशोधन किया गया. इससे इलाके की संगत अंधेरे में है की ट्रस्टियों का अधिकार क्या है? बैठक में मौजूद गुरदयाल सिंह ने दावा किया कि जो बार बार आरोप लगा रहे हैं कि पूर्व कमेटी ने मनमानी करने के लिए ट्रस्टियों को निकाल दिया. वह निराधार है. उन्होंने कहा कि उस वक्त ट्रस्टियों ने खुद इस्तीफा दिया था. जिसका प्रूफ उनके पास है. गत चुनाव में जब विपक्ष ने ट्रस्टियों को बहाल किये जाने का मामला एजेंडे में शामिल किया तो तारा सिंह ने भी उसे अपने एजेंडे में शामिल कर लिया. पिछले पांच सालों तक यह मामला क्यों नहीं याद आया. सभी ने एक स्वर में कहा की शेष ट्रस्टियों से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. संविधान के तहत गुरुद्वारा में कार्य होने चाहिए. पुराने ट्रस्टियों को भी शामिल किया जाना चाहिए था. बैठक में निर्णय लिया गया की इसे लेकर सीजीपीसी को अवगत कराएंगे.

बैठक में अमरजीत सिंह, मंजीत सिंह, यशवंत सिंह, एचएस बेदी, सरजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह, रघुबीर सिंह, हरभजन सिंह, राजपाल सिंह, बलदेव सिंह, बंटी सिंह, हरचरण सिंह, सतबीर सग्गू, हरजीत सिंह, गुरमुख सिंह, दलजीत सिंह आदि उपस्थित थे.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version