फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के परसुडीह दहेज हत्या मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे -7 वैशाली श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान आरोपी पति मंटू दत्ता को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया. इस मामले में कुल आठ लोगों की गवाही हुई थी. गवाहों ने अभियोजन का समर्थन नहीं किए  जिसका लाभ आरोपी को मिला.

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घटना 17 फरवरी 2016 की है. इस मामले में मृतका का भाई पंकज पाल राधिकानगर खड़ागाझार निवासी के बयान पर बहनोई मन्टू दत्ता एवं परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप था कि बहन ममता दत्ता की शादी परसुडीह के प्रमथनगर निवासी मन्टू दत्ता के साथ हुई थी. शादी के बाद से ससुराल में ममता को दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने लगे। मांग पुरी भी की गई. लेकिन मारपीट बंद नहीं हुई. घटना के दिन पंकज के भगीना ने सूचना दिया की उनकी मां नहीं रही.

सूचना पर परिवार के लोगों सदर अस्पताल पंहुचे जहां ममता दत्ता को मृत पाया. ममता ने घटना के दिन घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पंकज का आरोप था कि ममता को ससुराल वालों ने साजिश के तहत मार दिया हैं. इस मामले में बचाव पक्ष से अधिवक्ता अचिंत सी एवं निलय दत्ता ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा था.

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